मारने के बाद फ्रिज में रखा श्रद्धा का चेहरा घंटों देखता था आफताब, हत्या के बाद डॉक्टर के पास चोट दिखाने भी गया था

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Atul Tiwari
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मारने के बाद फ्रिज में रखा श्रद्धा का चेहरा घंटों देखता था आफताब, हत्या के बाद डॉक्टर के पास चोट दिखाने भी गया था

NEW DELHI. दिल दहला देने वाले श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब की दरिंदगी को लेकर नया खुलासा हुआ है। आफताब ने पुलिस को बताया कि वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के चेहरे को घंटों घूरता रहता था। इतना ही नहीं उसने श्रद्धा की पहचान मिटाने के लिए हाथों की कलाइयां, अंगुलियां समेत कई हिस्सों को ब्लोअर से जला दिया था। इसके लिए वह महरौली बाजार से ब्लोअर खरीदकर लाया था।



दिल्ली पुलिस 15 नवंबर को आफताब को लेकर महरौली के जंगल पहुंची और घंटों तलाशी अभियान चलाया। पुलिस को अब तक श्रद्धा के शव के टुकड़े के रूप में कुल 13 हड्डियां मिल चुकी हैं। पुलिस की जांच के बाद ये बात सामने आई कि आरोपी आफताब ने श्रद्धा के सिर को सबसे बाद में फेंका था।



किसी और लड़की से भी डेट कर रहा था आफताब



श्रद्धा की हत्या के 15-20 दिन बाद आफताब एक ऐप पर एक अन्य लड़की से मिला और उसे डेट करना शुरू कर दिया। वह उसे अक्सर घर लाता था। वहीं, श्रद्धा के दोस्त रजत ने बताया कि वह आफताब को छोड़ना चाहती थी। साउथ दिल्ली के एक सीनियर पुलिस अफसर के मुताबिक, आफताब ने पूछताछ में बताया कि दोनों शादी नहीं करना चाहते थे। शराब, गांजे के नशे में दोनों में झगड़ा होता था। वारदात वाले दिन भी दोनों में झगड़ा हुआ था। आरोपी ने 18 मई को हुए झगड़े में श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी। वहीं, श्रद्धा के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की हत्या पूरी तरह से लव जिहाद का मामला है। मैं आरोपी को फांसी देने की मांग करता हूं।



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  • डॉक्टर ने पूछा था- चोट कैसे लगी?



    जिस डॉक्टर अनिल कुमार ने आफताब का इलाज किया था, वे मीडिया के सामने आए हैं। डॉक्टर का कहना है कि गर्लफ्रेंड की हत्या का आरोपी आफताब उनके पास मई में सबसे पहले आया था। उसी महीने श्रद्धा के मर्डर की बात कही जा रही है। डॉक्टर के मुताबिक, आफताब के हाथ में जख्म हुआ था, वह उसका इलाज करवाने आया था। आफताब काफी आक्रामक और बेचैन सा लग रहा था। जब मैंने उससे पूछा कि चोट कैसे लगी तो वह बोला कि फल काटते वक्त लग गई। 



    डॉ. अनिल कुमार ने बताया, 'मई में सुबह के वक्त आफताब आया था। मेरी असिस्टेंट ने मुझे बताया था कि इलाज के लिए कोई आया है। मैंने उसे देखा। उसका जख्म गहरा नहीं था। मैंने उससे पूछा कि चोट कैसे लगी। वह बोला कि फल काटने के दौरान ऐसा हुआ। मुझे भी कोई शक नहीं हुआ, क्योंकि वह साफतौर पर चाकू का छोटा सा निशान था। इलाज के दौरान बिल्कुल शक नहीं हुआ कि आफताब इतना बड़ा कांड कर चुका है। अब दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर उनके हॉस्पिटल पहुंची। पुलिस ने डॉक्टर से पूछा कि क्या उन्होंने आफताब का इलाज किया था। डॉक्टर ने उसे पहचान लिया और हां कहा।



    डॉ. अनिल कुमार ने ये भी बताया कि इलाज के दौरान आफताब कुछ आक्रमक और बेचैन सा लगा, लेकिन देखकर ऐसा नहीं लगा कि उसको किसी बात का डर है। वह डॉक्टर की आंखों में देखकर बात कर रहा था। सभी सवालों के बिना घबराए जवाब दे रहा था। डॉक्टर ने आगे कहा, वह इंग्लिश में बात कर रहा था। उसने कहा कि वह आईटी सेक्टर में बेहतर मौके की तलाश में मुंबई से दिल्ली आया है।


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