NEW DELHI. श्रद्धा वालकर हत्याकांड में पुलिस को मामले के कुछ सुलझने के संकेत मिले हैं। पुलिस को उस हथियार के बारे में पता चल गया है, जिससे आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि आफताब ने चाइनीज चॉपर से श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े किए थे। सूत्रों के मुताबिक आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद सबसे पहले श्रद्धा की हाथ के टुकड़े किए थे। नार्को टेस्ट में आफताब ने बताया कि उसने जिस छोटी आरी से श्रद्धा की बॉडी काटी, उसे कहां फेंका, पुलिस अब उस लोकेशन पर उस हथियार की तलाश कर रही है।
आफताब ने कहां से खरीदे हथियार, पुलिस को ठोस सबूतों की तलाश
पुलिस ने दावा है कि आफताब के फ्लैट से कई धारदार हथियार बरामद किए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि उन्हीं हथियारों से श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े किए गए थे। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश का रही है कि आफताब ने यह चॉपर कहां से खरीदा था? इसके अलावा पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि हथियार 18 मई के पहले तो नहीं खरीदे गए थे। अगर ये साबित होता है कि हथियार हत्या के पहले खरीदे गए थे तो यह भी प्रूफ हो जाएगा कि आफताब ने साजिशन हत्या की। हालांकि, अlफताब लगातार यही बात कह रहा है कि उसने गुस्से में श्रद्धा का कत्ल किया।
सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा की हत्या के कई महीनों बाद तक अlफताब ने श्रद्धा का मोबाइल फोन अपने पास ही रखा था। मुंबई पुलिस ने जब उसे पूछताछ के लिए बुलाया था, उस वक्त भी श्रद्धा का मोबाइल फोन उसके पास था, बाद में वो फोन उसने मुंबई में समुद्र में फेंक दिया था।
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जेल में अकेले चैस खेलता रहता है आफताब
श्रद्धा हत्याकांड में आफताब कई बार पुलिस की घंटों चलने वाली पूछताछ का सामना कर चुका है। उसका पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट हो चुका है। हर बार उसने बहुत शातिर तरीके से सधे हुए जवाब दिए। पुलिस अब तक की जांच में उससे कुछ भी नया पता नहीं लगा पाई है। पूछताछ के दौरान वह हर समय शांत दिखा। उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई। यह भी पता लगा है कि शतरंज खेलना बहुत पसंद है। तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, बैरक नंबर-4 में बंद आफताब टाइम पास करने के लिए घंटों शतरंज खेलता है। वह बैरक में अकेले ही शतरंज की बिसात बिछाता है।
नार्को टेस्ट में हत्या की बात कबूल की, कहा- गुस्से में किया मर्डर
नार्को टेस्ट में आफताब ने हत्या की बात स्वीकार की है। नार्को टेस्ट के दौरान आफताब से जब पूछा गया कि श्रद्धा का फोन कहां है तो आफताब ने जवाब दिया कि श्रद्धा का फोन कहीं फेंक दिया था। यह भी माना कि उसने गुस्से में आकर श्रद्धा की हत्या की थी। पुलिस अब साजिश वाला एंगल तलाश रही है। नार्को टेस्ट में आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के लिए आरी के इस्तेमाल की बात को कबूली है। आफताब से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या कोई और भी इस हत्याकांड में शामिल है तो उसने कहा कि हत्याकांड को अकेले ही अंजाम दिया है। आफताब ने नार्को टेस्ट में श्रद्धा के शव के टुकड़ों को जंगल मे ठिकाने लगाने की बात मानी है।
क्या कोर्ट में नार्को टेस्ट काफी होगा?
पुलिस के सामने भले ही आफताब अपना गुनाह कबूल कर रहा है, लेकिन ये नाकाफी है। पुलिस के पास अब तक कोई ठोस सबूत नहीं है। नार्को टेस्ट की बात कोर्ट में सीधे नहीं मान ली जाती। आफताब ने जो बोला है वो बस एक कड़ी है, जिससे पुलिस को सबूतों के साथ कनेक्ट करना है।