NUH. हरियाणा के मेवात जिले के नूंह इलाके में सोमवार 31 जुलाई को निकाली जा रही एक धार्मिक यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच हिंसा हो गई। इस हिंसा में 2 होमगार्ड समेत 4 लोगों की मौत हुई है। जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस स्टेशन से लेकर अस्पताल और यहां तक की दुकानों को भी नहीं बख्शा। सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। देखते ही देखते यह हिंसा सोहना से गुरुग्राम तक फैल गई। हिंसा पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां तैनात कर दी हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हिंसा के कई दिन पहले से सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के बीच बहसबाजी चल रही थी। इस मामले पर हरियाणा पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि नूंह जैसे संवेदनशील इलाके में जब ये सब हो रहा था, तब पुलिस क्या कर रही थी?
नूंह में क्यों फैली हिंसा ?
नूंह में हिंदू संगठनों की ओर से ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी ये बात तय थी। तय समय और योजना के मुताबिक मेवात में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी, तभी यात्रा पर पथराव हो गया। बृजमंडल की इस यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे। मोनू मानेसर ने पहले ही सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी। इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने ये भी कहा था कि वो खुद भी इस रैली में शामिल होगा। हालांकि, मोनू मानेसर ब्रजमंडल की इस यात्रा में नहीं आया, लेकिन यात्रा में बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के शामिल होने पर तनाव बढ़ गया। देखते ही देखते पूरे इलाके में हिंसा फैल गई।
पुलिस भी हुई हिंसा का शिकार
नूंह में फैली हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस बल भी कम पड़ गया। ऐसे में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में काबू पाने के लिए गुरुग्राम से मेवात फोर्स भेजा गया। तो इस बीच नूंह हिंसा के हमलावरों ने मेवात से गुरुग्राम जा रही पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव कर दिया। इस हमले में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए तो वहीं होमगार्ड नीरज और गुरसेवक की मौत हो गई। पथराव में घायल हुए सभी पुलिसकर्मियों का मेदांता हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
सोशल मीडिया पर दोनों ओर से धमकियां दी जा रही थीं
हरियाणा का मेवात-नूंह इलाका गौ-तस्करी के विवाद में पहले से ही बेहद संवेदनशील रहा है। हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह इस बार भी ब्रजमंडल शोभायात्रा निकालने का ऐलान किया था। मोनू मानेसर ने लोगों से बजरंग दल की ओर निकाली जाने वाली शोभा यात्रा में शामिल होने की अपील की थी। मोनू मानेसर ने कहा था कि वो ब्रजमंडल की इस शोभायात्रा में शामिल होगा और उसके साथ उसकी टीम भी शामिल होगी। लेकिन मोनू इस यात्रा में शामिल नहीं हुआ। बिट्टू बजरंगी इस शोभा यात्रा में शामिल हुआ और उसने ही इसका वीडियो भी शेयर किया।
वायरल वीडियो पर दूसरे समुदाय ने जताई थी नाराजगी
मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी के शोभा यात्रा में शामिल होने पर दूसरे समुदाय के लोगों ने गुस्सा जताया था। इतना ही नहीं दूसरे पक्ष ने मोनू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी थी। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मोनू को नूंह आने की चुनौती दी गई थी, बल्कि धमकियां भी दी गई थीं।