इंदौर: 7 मौतों का आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली की 11 मौतों की कड़ी भी तलाश रही पुलिस

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Lalit Upmanyu
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इंदौर: 7 मौतों का आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली की 11 मौतों की कड़ी भी तलाश रही पुलिस

Indore. सात मौतों के आरोपी संजय दीक्षित उर्फ शुभम (झांसी) को देर रात क्राइम ब्रांच ने लोहा मंडी से गिरफ्तार कर लिया । पुलिस उसके पुराने रेकार्ड भी तलाश रही है। दिल्ली के द्वारका इलाके में भी इसी तरह की घटना  हुई थी जिसमें ग्यारह लोगों की जान गई थी। उस दौरान संजय दिल्ली के द्वारका में ही रहता था। पुलिस उस कड़ी की पड़ताल भी कर रही है।



6 मई देर रात शहर की बाइपास स्थित स्वर्ण बाग कॉलोनी की एक इमारत में आग लग गई थी, जिसमें दो महिलाओं समेत कुल सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार जिंदा जल गए थे जबकि तीन की दम घुटने से मरे थे।  पांच घायल हो गए थे। चार ने बमुश्किल जान बचाई थी।



महिला मित्र की सगाई होने से गुस्सा था



जानकारी के मुताबिक संजय की उसी इमारत में रहने वाली किसी लड़की से दोस्ती थी। संजय उस पर पैसा भी खर्च करता रहता था। उसकी कहीं और सगाई होने से वो गुस्सा हो गया था। कुछ दिनों से दोनों के बीच विवाद भी चल रहा था। आखिर शुक्रवार देर रात वो इमारत पर पहुंचा और वहीं खड़ी अपनी गाड़ी में से पेट्रोल निकालकर अपनी दोस्त की स्कूटी पर छिड़का और आग लगाकर भाग गया। स्कूटी के आसपास कई गाड़ियां सटकर खड़ीं थीं । सभी ने आग पकड़ ली जो बाद में इमारत तक फैल गई। चार लोगों ने कूदकर जान बचाई जबकि पांच घायलों का इलाज चल रहा है। जिस मित्र के लिए उसने ये सारा कांड किया उसे लोगों ने बचा लिया था। 



युवती ने पहचान लिया



पुलिस ने घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज देखे तो उसमें इमारत की पार्किंग में देर रात एक युवक स्कूटी के पास खड़ा दिखा।  स्कूटी के नंबर के आधार पर जानकारी निकाली तो वह युवती की निकली। उसे बुलाकर सीसीटीवी फुटेज दिखाए तो उसने बताया कि मेरी गाड़ी के पास खड़ा युवक संजय है। वह उसे परेशान कर रहा था। 



घटना की जानकारी मिली तो डर गया



गाड़ी में आग लगाने के बाद संजय को मालूम पड़ा कि आग इमारत में फैल गई है और सात लोग मर गए हैं तो वो बहुत घबरा  गया। उसने दोस्त को फोन कर कहा कि मैंने बड़ा कांड कर दिया है । पुलिस ने  उसकी तलाश में लगातार छापे  मारे । देर रात उसकी लोकेशन लोहा मंडी (निरंजनपुर) की मिली । उसने पुलिस को देख भागने का प्रयास किया जिसमें बुरी तरह घायल हो गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे देर रात मेडिकल के लिए एमवायएच लेकर पहुंची।



पंद्रह सौ फीट में कर दिया 4200 फीट निर्माण



जिस इमारत में आग लगी उसमें नगर निगम के किसी कायदे का पालन नहीं हुआ था। पंद्रह सौ फीट के प्लॉट पर बगैर एमओएस छोड़ इमारत तान दी थी। बाहर निकलने के लिए एक गेट के अलावा ज्यादा जगह भी नहीं थी इसीलिए घटना हुई तो लोगों को भागने का रास्ता तक नहीं मिला। आसपास के मकानों की छत की दीवारें भी इतनी ऊंची थी कि वहां पहुंचना भी मुश्किल था। जो लोग रस्सी के सहारे उतरे या कूद गए वे ही बच पाए। 



9 लोगों को बचाया गया



पुलिस के मुताबिक, बचाव दल ने 9 लोगों को इस अग्निकांड से रेस्क्यू किया। 12 लोगों को अस्पताल ले जाया गया था। इनमें से 7 की मौत हो चुकी है। रहवासियों ने बताया था कि फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए। इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची। आसपास के रहवासियों ने कुछ लोगों को रस्सी के सहारे बिल्डिंग से नीचे उतारा।



मृतकों में ईश्वर सिंह सिसोदिया (45), नीतू सिसोदिया (45), आशीष (30), गौरव (38) और आकांक्षा अग्रवाल (25) शामिल हैं। देवास की रहने वाली आकांक्षा ने 15 दिन पहले ही अपना जन्मदिन मनाया था। जश्न के फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए थे। आकांक्षा के माता-पिता नहीं हैं। वह यहां लिव इन में रह रही थी।




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अग्निकांड में मारे गए दंपति ईश्वर सिंह सिसोदिया और नीतू।




7 लोगों की जलकर मौत



इंदौर में 6 मई देर रात दो मंजिला इमारत में आग लग गई थी। अग्निकांड में 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 2 महिलाएं और 5 पुरुष हैं। कुछ जिंदा जले और कुछ का दम घुट गया। बिल्डिंग घनी आबादी के बीच है। लोगों को भागने की जगह नहीं मिली तो गैलरी से कूदकर जान बचाई। इन्हें चोटें आई हैं और अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच में बिजली जाने की वजह से आग लगने का पता चला था। रात को बिजली गुल थी। जब बिजली आई तो MCB में आग लग गई। आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप ले लिया।




Akanksha

आकांक्षा अग्रवाल की आग में जलने से मौत हो गई। वह देवास की रहने वाली थी। आकांक्षा ने दो हफ्ते पहले ही जन्मदिन मनाया था।





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