NITIN JAIN,KHARGONE
कोरोना के वक्त न सिर्फ लोगों के काम धंधे बंद हुए बल्कि बेरोजगारी भी पूरी तरह से हावी हुई ऐसे में खाली वक्त काटना लोगों के लिए मुश्किल हो गया यही एक बात थी जिसने ऑनलाइन गेमिंग की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ा या ऐसे ही एक प्रकरण ने एक युवक को नकली नोटों का तस्कर बना दिया अब यह युवक खरगोन पुलिस की गिरफ्त में है।
गेमिंग लत,कर्ज,नकली नोट थोड़ी थोड़ी फिल्मी लगती हे
धूलकोट निवासी आरोपी राकेश कोरोना काल के दौरान फुर्सत के वक्त में ऑनलाइन गेमिंग खेलने का आदी हो गया, ऑनलाइन गेमिंग ने उसे कर्ज के बोझ तले दबा दिया । राकेश कर्ज उतारने के लिए जब रास्ते खोज रहा था उसे अचानक अपनी पढ़ाई और योग्यता तकनीकी जानकारी की वजह से नकली नोट छापने का आइडिया आया । राकेश अपनी आईटीआई की नोकरी बी एस सी मैकेनिकल और कंप्यूटर की पढ़ाई का फायदा उठाते हुए नकली नोट छापने के लिए यूट्यूब पर दिखाए जाने वाले नकली नोट बनाने के डेमो की मदद ली और नोट छापना सीख गया। नकली नोट छापने वाला राकेश अपना कर्ज तो उतार बैठा लेकिन लालच को अपने से दूर नहीं कर पाया और अपने आसपास के जिलों में नकली नोट चलाने लगा जिसकी सूचना जल्द ही पुलिस को हो गई। जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर खरगोन के गांधीनगर इलाके की एक मल्टी में दबिश देकर गिरोह के दो सदस्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
क्या कहती हे खरगोन पुलिस
खरगोन पुलिस के मुताबिक नकली नोट छापने एवं चलाने के गिरोह का प्रमुख राकेश उर्फ प्रकाश है राकेश खरगोन नीमच मंदसौर शिवपुरी के आईटीआई कॉलेज में संविदा नौकरी भी कर चुका है कोरोना काल में जब उसकी नौकरी चली गई तो उसे ऑनलाइन गेमिंग की लत लगी और इस लत के दौरान हुए कर्ज ने उसे नकली नोट छापने और चलाने की राह पर धकेल दिया।राकेश बीएससी के साथ ही मैकेनिकल व कंप्यूटर में आईटीआई पास होने से तकनीकी रूप से प्रशिक्षित राकेश ने स्कैनर प्रिंटर और अन्य उपकरणों की मदद से नोट छापे जो बिल्कुल असली नोट के समान थे नोटों के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 8 लोगों की एक टीम तैयार की गई थी जो अलग-अलग इलाकों और जिलों में नोटों को चलाते थे। तीनों के पास से ₹3 लाख से ज्यादा नकली नोट व उन्हें छापने के उपकरण जब्त हुए हैं ।