PRAYAGRAJ. माफिया से राजनेता बना अतीक अहमद मंगलवार, 28 मार्च को यूपी के प्रयागराज स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में जब दोषी करार दिया गया तो उसकी आंखों से आंसू निकल आए थे। बताते हैं अतीक उस समय रोने लगा था और उसका भाई अशरफ भी रो रहा था। इसी दौरान कोर्ट के बाहर एक युवक अतीक को जूते-चप्पल की माला पहनाने के लिए पहुंचा। भीड़ में खड़े वरुण नाम वकील ने कहा कि अगर मैं अहमद को यह माला पहना देता हूं, तो पूरा पाल समाज और पूरी वकील कम्युनिटी को खुशी होगी। अतीक ने वकील समुदाय के सदस्य की हत्या की थी।
उमेश पाल किडनैपिंग केस में अतीक को उम्रकैद
चार दशकों तक प्रयागराज में खून की होली खेलने और कोहराम मचाने वाले अतीक ब्रदर्स के आतंक का लगता है अंत हो गया है। इसकी एक मिसाल मंगलवार, 28 मार्च को तब मिली जब उमेश पाल किडनैपिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद अतीक बेहोश हो गया। इसके पहले अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा था। यही नहीं दोषमुक्त करार दिए जाने के बाद जब अशरफ कचहरी परिसर से बाहर निकल रहा था तो वकीलों ने उसके सामने फांसी दोफांसी दो के नारे भी लगाए। एक वकील तो कचहरी परिसर में जूते-चप्पल की माला ही लेकर पहुंच गए थे।
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वकीलों ने लगाए फांसी दो के नारे
बकौल वरुण, वकीलों को यह जानकर खुशी होगी कि अतीक अपनी सजा (उमेश पाल किडनैपिंग केस में) सुनने के लिए जूतों की माला पहनकर आया है। ये उमेश पाल और राजू पाल के परिवार के लोगों के जूते-चप्पल हैं। वहीं, कोर्टरूम के बाहर जब अतीक के भाई अशरफ को पुलिस सुरक्षा के बीच ले जाया गया। तब आक्रोशित वकील फांसी दो, फांसी दो, के नारे लगा रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद और कथित गैंगस्टर अतीक अहमद की उत्तरप्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा की मांग वाली याचिका मंगलवार, 28 मार्च को खारिज कर दी। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेल एम. त्रिवेदी की बेंच ने जान को खतरा होने के अहमद के दावे पर उसे सुरक्षा के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करने की मंजूरी दी।
24 फरवरी को कर दी गई थी उमेश पाल की हत्या
दरअसल, उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में 2005 में बहुजन समाज पार्टी ;बसपाद्ध के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की दिनदहाड़े गोली मारकर 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी।