Indore. करोड़ों रुपए की ठगी में लंबे समय से फरार प्रोफेसर को एमआईजी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने फर्जी एडवायजरी कंपनी में पैसा लगाने के लिए अपने छात्रों को लालच दिया और बाद में पैसा लेकर फरार हो गया। कंपनी का सरगना पंकज खानचंदानी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
आरोपी का नाम प्रोफेसर अभय मुंगी (58 साल) है। वो मूल रूप से स्कीम नंबर 54 (इंदौर) का रहने वाला है और बड़वाह के सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर है। टीआई अजय वर्मा के मुताबिक दो साल पहले विजय नगर थाना क्षेत्र में केपिटल रिसर्च नामक एक फर्जी एडवायजरी कंपनी खुली थी। इसका संचालक पंकज खानचंदानी था। अभय मुंगी भी उससे जुड़ा हुआ था। उसने इस कंपनी में रुपया दो गुना करने का लालच देकर कई छात्रों और अन्य लोगों से काफी रुपया निवेश करवा लिया। प्रोफेसर होने के कारण छात्रों को उस पर आसानी से भरोसा हो गया। उन्होंने पैसा निवेश कर दिया तो प्रोफेसर गायब हो गया। फरार होने के बाद नरेंद्र जैन, राजेश वर्मा, सरदार पटेल, प्रशांत, ओम परमार आदि ने उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया था। उसने इंदौर के अलावा उज्जैन, बड़वाह और देवास के लोगों से भी पैसा लगवाया था।
परिवार से मिलने आया था
पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रोफसर बड़वाह में अपने परिवार से मिलने आया है। उसके बाद तुरंत इंदौर से टीम भेजी गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। उस पर दस हजार रुपए का इनाम घोषित था। प्रोफेसर छात्रों से इकट्ठा किया रुपया पंकज को नकद लाकर देता था और बदले में उससे कमीशन लेता था।
छवि का फायदा उठाया
आरोपी ने पुलिस को बताया कि प्रोफसर होने के कारण उसकी छवि अच्छी थी इस कारण छात्र भरोसा करते थे। छात्र उससे बिजनेस करने, जल्दी पैसा कमाने की बात करते थे। वो छात्रों की प्रोफाइल जांच कर देखता था कि कौन पैसे वाला है। वह उन्हीं छात्रों को झांसे में लेता और एडवायजरी कंपनी में रुपए लगाने का कहता। उसने शुरू में उन्हें रुपया दोगुना करके दिया इससे छात्रों का भरोसा और बढ़ गया था। वो छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच भी देता था जिसमें जल्दी अमीर बनने, रुपया दो गुना करने के नुस्खे बताता था । इससे भी कई लोग उसके झांसे में आ गए।