Indore.करोड़ों की धोखाधड़ी में धराए बड़वाह सरकारी कॉलेज के प्रोफेसर अभय मुंगी हालांकि पुलिस के पांच दिनी रिमांड पर हैं लेकिन जिस तरह से उसकी गिरफ्तारी हुई उसने कुछ पुलिस जवानों को भी संकट में डाल दिया है । उधर, प्रोफेसर के बैंक खाते जांचने की तैयारी भी हो गई है।
यूं प्रोफेसर दो साल से फरार था और दस हजार के इनामी भी था लेकिन पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा था। हालांकि अपुष्ट खबरें यही हैं कि वो बेफिक्री से बड़वाह के कॉलेज में पढ़ा रहा था। अचानक उसकी गिरफ्तारी के बाद नया राज खुला है कि प्रोफेसर के खिलाफ एमआईजी थाने में एक महिला ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस शिकायत को पुलिस ने भारी तत्परता से लिया और प्रोफेसर को समझौते के लिए बुलाया। समझौता होता उससे पहले ही राज खुल गया कि वो विजय नगर थाने का वांटेड है और उस पर दस हजार का इनाम भी घोषित है। उसके बाद आनन-फानन में उसकी कागजी कार्रवाई कर विजय नगर थाने को सौंप दिया गया। प्रोफेसर और महिला के बीच समझौता करवाने वाले जवानों की अफसरों ने पूछताछ शुरू कर दी है, हालांकि इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हुई।
एक दर्जन शिकायतें हैं
प्रोफेसर मुंगी लंबे समय तक लोगों को धन दोगुना करने का झांसा देता रहा। उसके खिलाफ केवल विजय नगर थाने में ही करीब एक दर्जन शिकायतें हैं। शिकायतकर्ताओं में ज्यादातर इसके परिचित हैं जिन्होंने इस पर भरोसा कर पैसा लगा दिया और बाद में डूब गए। पीड़ितों में एसएएफ के कुछ जवान भी शामिल हैं। आरोपी इतना तेज-तर्रार है कि जब इसके खिलाफ थाने में शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ तो इसने उलटा शिकायतकर्ताओं के खिलाफ शिकायत कर उनकी जांच शुरू करवा दी थी। प्रोफेसर होने के कारण तब पुलिस भी इसे गलत नहीं मान रही थी। बाद में कुछ पीड़ित पूरे दस्तावेजों के साथ पुलिस के पास पहुंचे तो इसकी ठगी के राज खुलते गए । केस दर्ज होने के बाद इसने इंदौर छोड़ दिया। बीच में लॉक डाउन लग गया। कॉलेज बंद थे तो इसका कुछ पता नहीं चला। उधर, एमआईजी टीआई अजय वर्मा का कहना है कि हमारे थाने में इसकी कोई शिकायत नहीं आई है। हमारी टीम ने इस इनामी आरोपी को पकड़ा। समझौता कराने की बात गलत है ।