हिमांशु अग्रवाल, CHHATRPUR. कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं इसी कहावत को चरितार्थ करता हुआ छतरपुर जिले में एक मामला सामने आया है जहां 5 साल पहले हुए महिला के अंधे हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। हत्याकांड का आरोपी और कोई नहीं बल्कि उसका पटवारी पति ही निकला जिसने अपने दो साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया था। 5 साल पहले सनमति स्कूल के पास रेलवे पटरी के पीछे पानी से भरी तलैया में हाथ पैर बंधी अर्धनग्न हालत में अज्ञात महिला की लाश मिलने की रिपोर्ट पंजीवद्ध कर विवेचना में ली गई थी। जांच के दौरान पता चला कि शव कमलेश अहिरवार पति राकेश अहिरवार निवासी पेप्टेक टाउन छतरपुर का है। शव की शिनाख्त राकेश अहिरवार से कराई गई जो पुलिस को शुरुआती दौर से गुमराह करते हुए शव को पहचानने से इंकार कर दिया एवं पुलिस को फिर शव के अज्ञात होने की गुत्थी में उलझाकर रखा । इस दौरान मृतका का DNA परीक्षण पर अज्ञात शव की पहचान कमलेश पति राकेश अहिरवार के रूप मे हुई परन्तु यह मामला सितम्बर 2022 तक लंबित रहा। पुलिस द्वारा मामले में फिर से एक स्पेशल टीम गठित कर प्रकरण में नए सिरे से विवेचना प्रारंभ की गई इस दौरान जांच टीम को मामले के खुलासे के लिए कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे। सिविल लाइन पुलिस को मृतका कमलेश अहिरवार के पति राकेश अहिरवार के खिलाफ हत्या के पर्याप्त साक्ष्य मिल जाने पर आरोपी राकेश अहिरवार को सिविल लाइन पुलिस ने भोपाल से धर दबोचा। आरोपी राकेश अहिरवार छतरपुर जिले में पटवारी पद पर तैनात था।
पानी से भरी तलैया में फेंक दिया
पूछताछ में पता चला कि राकेश अहिरवार ने अपने साथी प्रभुदयाल अहिरवार एवं एक अन्य साथी के साथ मिलकर मृतका कमलेश अहिरवार की हत्या विस्टा गाड़ी क्रमांक MP16C6270 से ले जाकर हाथ पैर बांधकर सनमती स्कूल के पास रेलवे पुलिया के पास पानी से भरी तलैया में रात्रि मे फेंककर निर्मम हत्या कर दी गई । आरोपी राकेश अहिरवार खुले मिजाज का व्यक्ति था जिससे उसकी पत्नी कमलेश अहिरवार उसके चरित्र को लेकर शक करती थी इसी शक के कारण दोनों में लगातार वाद विवाद होता रहता था। इसी के चलते राकेश अपनी पत्नी कमलेश अहिरवार को पेप्टिक टाउन में अकेले रहने के लिये छोड़ दिया था फिर भी उसकी पति समय समय पर राकेश के अम्बेडकर नगर वाले घर पर आती रहती थी । कमलेश अहिरवार केवल अपने पति व घर वालों से विवाद करती थी ।
आए दिन होता था विवाद
राकेश इन्ही विवादों से तंग होकर अपनी पत्नी से पीछा छुड़ाना चाहता था। घटना दिनांक को भी कमलेश अहिरवार पूर्व की तरह अम्बेडकर नगर अपने पति के घर पर आई थी और उसका विवाद हुआ था और इसी विवाद के चलते आरोपी राकेश अहिरवार ने अपने साथियों के साथ मिलकर कमलेश को गाड़ी में डालकर हाथ पैर बांधकर जिंदा ही तलैया में फेंककर हत्या कर दी थी। आरोपी राकेश अहिरवार पुलिस को गुमराह करने के आशय से कभी भी न ही मृतका व मृतका के शव के फोटोग्राफ की पहचना की गई। आरोपी बहुत शातिर चालाक था उसकी हत्या अज्ञात में ही बनी रहे इसलिये उसने योजनाबद्ध तरीके से थाना ओरछा रोड में मृतका कमलेश की गुमशुदगी हत्या के 15-16 दिन बाद दर्ज कराई । जब सिविल लाइन पुलिस ने 5 साल से हत्या की अनसुलझी गुत्थी को गंभीरता से लेते हुए विवेचना प्रारंभ की तो बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए और सिविल लाइन पुलिस ने इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर अंधे कत्ल का खुलासा करने से सफलता प्राप्त की है।