NEW DELHI. क्या माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके छोटे भाई की हत्या का राज किसी लिफाफे में बंद है? दोनों की सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री से जुड़ा ये बड़ा सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि क्योंकि अशरफ ने अपनी हत्या से 18 दिन पहले 28 मार्च को बरेली में मीडिया से चर्चा में ये आशंका जाहिर की थी- 'मुझे एक पुलिस अधिकारी ने धमकी दी है। उसने कहा कि मुझे 2 हफ्ते के बाद किसी बहाने जेल से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा।' हुआ भी यही। 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में अशरफ और उनके बड़े भाई अतीक अहमद को हथियारबंद पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के बीच मीडिया के कैमरों के सामने गोलियों से भून दिया गया।
अशरफ ने 28 मार्च को जताई थी ये आशंका
"I have received an information that they will take us out of jail after two weeks and will kill us. A senior police officer has given me this information I cannot name the police officer"
Ashraf Ahmed, Brother of Slain Ex Parliamentarian Atique Ahmed on 29 March 2023. pic.twitter.com/3cu2zbKqF5
— Ahmed Khabeer احمد خبیر (@AhmedKhabeer_) April 16, 2023
उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में माफिया सरगना अतीक अहमद और अशरफ समेत 10 लोगों की पेशी थी। इस दिन कोर्ट की ओर से सभी को सजा सुनाई जाने वाली थी। अपहरण के इस मामले में कोर्ट ने अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि अशरफ समेत 7 लोगों को बरी कर दिया था। इसके बाद अतीक और अशरफ समेत सभी आरोपियों को वापस संबंधित जेलों में भेजा गया। भारी पुलिस सुरक्षा के साथ अतीक को वापस साबरमती और अशरफ को उत्तर प्रदेश की बरेली जेल रवाना किया गया। 28 मार्च की देर रात बरेली जेल पहुंचने पर अशरफ ने जेल वाहन में बैठे-बैठे मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा- 'एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुझे धमकी दी है।' अशरफ की इस बात का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था।
अशरफ बोला- मेरी हत्या हुई तो.. सीएम को एक सीलबंद लिफाफा मिलेगा
अशरफ को उमेश पाल किडनैपिंग मामले में बरी होने के बाद भी खुद की हत्या का डर सता रहा था। इसलिए उसने मीडिया के सामने एक चौंकाने वाला बयान दिया। अशरफ ने कहा- 'मुझे एक पुलिस अधिकारी ने धमकी दी है। उसने कहा है कि मुझे 2 हफ्ते के बाद किसी बहाने से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा। मुझ पर लगे आरोप फर्जी हैं। ये मुझे, मेरे परिवार को और यूपी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। यदि मेरी हत्या होती है तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेरा एक सीलबंद लिफाफा मिलेगा। उसमें उस पुलिस अधिकारी का नाम होगा, जिसने मेरी हत्या की धमकी दी है।'
अतीक ने भी कहा था- मेरी जान को खतरा… मुझे यूपी ना भेजा जाए
इससे पहले अतीक अहमद की ओर से भी 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर उसकी जान को खतरा बताया गया था। याचिका में लिखा था- 'मुझे यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर ना भेजा जाए। मुझे वहां सुरक्षा और जान का खतरा है। उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से मुझे ऐसा लगता है कि मेरा फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है।'
सुप्रीम कोर्ट से मिली हाईकोर्ट जाने की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने अतीक की याचिका सुनने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जब उसे गुजरात से यूपी लाया जा चुका है, तो अब सुनवाई का कोई मामला नहीं बचता। सुरक्षा या किसी भी और बात के लिए उसे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिए। 27 मार्च को अतीक साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था। इसके एक दिन बाद उसे उमेश पाल किडनैपिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सजा मिलने के बाद उसे वापस साबरमती जेल भेज दिया गया था।
15 अप्रैल को हो गई अतीक और अशरफ की हत्या
मीडिया के सामने 28 मार्च की रात को अशरफ की ओर से जताई गई आशंका के करीब 2 हफ्तों बाद ही 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में अतीक और अशरफ के मेडिकल टेस्ट के बाद दोनों को करीब डेढ़ दर्जन हथियारबंद पुलिसकर्मियों के बीच गोलियों से भून दिया गया।
सीएम के पास जल्द ही पहुंचेगा बंद लिफाफा
अशरफ ने 28 मार्च की देर रात मीडिया के सामने जिस सीलबंद लिफाफे का जिक्र किया था, वो अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि इस बारे में सोमवार, 17 अप्रैल को कुछ मीडिया रिपोर्ट में अशरफ के वकील विजय मिश्रा के हवाले से दावा किया कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास एक सीलबंद लिफाफा पहुंचेगा। इस लिफाफे में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कराने वालों का नाम लिखा होगा।