indore.सरवटे बस स्टैंड से चलनी वाली बसों से अवैध वसूली के मामले में तीन वसूलीबाज गिरफ्तार हुए । उन्हें वसूली के लिए ढील देने और उनसे मिलीभगत करने वाले पांच पुलिसकर्मियों को सस्पैंड कर दिया गया। इस मामले में शिकायतें लगातार मिल रही थी ।
डेढ़ महीने पहले नई साज-सज्जा और नए भवन के साथ सीएम शिवराजसिंह के हाथों उद्घाटित हुए इंदौर के सरवटे बस स्टैंड में मैदानी कष्ट बरकरार ही हैं। इनमें वसूली प्रमुख है। कतिपय तत्व यहां से चलने वाली हर बस से तीस से अस्सी रुपए तक वसूली करते हैं। वसूली किस उपलक्ष्य में होती है इसका कोई जवाब नहीं है। बस, पैसा देना पड़ता है। सारे ड्रायवर, कंडक्टर इससे परेशान थे। यह सिलसिला जब बस स्टैंड पुराना था तब भी चलता था और नई व्यवस्था होने के बाद भी चलता रहा। वसूली में पुलिस भी हितग्राही होती थी, इसलिए वसूलीबाजों की हरकत पर आंखें मूंदे रहती थी। जब मर्ज ज्यादा बढ़ गया तो सरवटे बस स्टैंड प्रबंधन ने बड़े पुलिस अफसरों की शरण ली।
अफसर पहुंचे तो बदल गई कहानी
प्रबंधन की शिकायत के बाद वसूलीबाजों की तफ्तीश में ऋषभ उर्फ मनीष रानवे (लुनियापुरा), देवा सिंह ठाकुर (पटेल नगर) और रजत कुशवाह (सोमनाथ की जूनी चाल) के नाम सामने आए। तीनों पर पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की। इसके बाद उन्हें छोड़ने की तैयारी थी । इसी बीच बड़े अफसर थाने पहुंच गए। उन्होंने तीनों से पुलिस से फिक्सिंग होने के सवाल पूछे तो तीनों ने कबूला कि हां, पुलिस हमारे साथ है। उसके बाद उन पुलिस वालों के नाम निकाले गए जिनके सामने वसूली होती थी। इसमें प्रधान आरक्षक सुबोध शर्मा और भारत सिंह, आरक्षक राघवेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह यादव और पंकज बघेल को सस्पैंड कर लाइन अटैच कर दिया गया।