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Indore. तीन दिन पहले गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन में बम की अफवाह के संदेश चलाने वाले दो आरोपियों को इंदौर जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी ट्रेन में सफाई करने वाली निजी कंपनी के कर्मचारी हैं। परिवार से मुंबई जाकर जल्दी मिल लें इसलिए ट्रेन में बम की अफवाह फैलाकर दूसरी ट्रेनों को लेट करवा देते थे।
दोनों को मोबाइल नंबर के आधार पर साइबर सेल की टीम की मदद से पकड़ा है। इन्होंने 11 से 18 मई के बीच तीन बार बम की अफवाह फैलाई थी। आरोपियों के नाम मिलन रजक निवासी सुभाष नगर, सांताक्रुज, मुंबई और प्रमोद माली निवासी शिवाजी नगर, मुंबई है । आरोपियों ने सूरत, गोरखपुर, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में बम की सूचनाएं भेजी थीं। सभी जगह की पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी। मोबाइल नंबर के आधार पर दोनों की लोकेशन उज्जैन (ट्रेन में) मिली। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि गोररखपुर-बांद्रा के बाद मुंबई के लिए अगली ट्रेन काफी देर से आती है। बम की अफवाह के कारण पीछे आ रही दूसरी ट्रेनों को साफ नहीं करना पड़ता और वे गोरखपुर ट्रेन से ही मुंबई निकल जाते थे। वे अपने परिवार से मिलने के लिए ट्रेन लेट करवाते थे।
सुबह से रात तक अफवाह
आरोपियों ने जब चाहा अफवाह फैलाकर पुलिस को परेशान कर दिया। उन्होंने बम की पहली झूठी सूचना 11 मई की सुबह फैलाई कि किसी कोच में बम रखा है। तब ट्रेन रतलाम स्टेशन पर थी। इसके बाद रात 11 बजे बड़ोदरा में भी यही सूचना भेजी। इसके बाद 18 मई को ट्रेन उज्जैन पहुंची तो फिर बम का सूचना फैला दी। लगातार अफवाहों से पुलिस परेशान होती रही और ये अपने परिवार से मिलने और दूसरी ट्रेनों की सफाई से बचने के लिए झूठे संदेश फैलाते रहे। पुलिस ने पहले रजत को पकड़ा। उसने प्रमोद का नाम कबूला तो उसे भी पकड़ लिया।