धोखाधड़ी के इस मामले को सुनकर आपको बंटी-बबली फिल्म की याद आ जाएगी। मामला जबलपुर का है। यहां बंटी-बबली के नक्शेकदम पर चलने वाली एक चोर गैंग पुलिस की गिरफ्त में आई है। यह गैंग फर्जी शादी करवाने के साथ ही नकली पुलिस से पिटाई भी करा देती थी। इस गैंग के सरगना शातिर दंपती हैं और इसमें फर्जी पुलिस और वकील भी शामिल हैं। पति-पत्नी ठगी को अंजाम देने के लिए भाई-बहन बन गए। उन्होंने शादी कराने का झांसा देकर पन्ना निवासी एक लड़के को जबलपुर बुलाया। कोर्ट में एक वकील की मिलीभगत से फर्जी शादी भी करवा दी। फिर शॉपिंग के बहाने युवक से 1.18 लाख रुपए झटक लिए। इसके बाद युवक नई नवेली पत्नी के साथ बाजार गया। यहां उसे गैंग में शामिल नकली पुलिस बनकर घेर लेते हैं। वे लड़के से गाड़ी के कागज मांगते हुए उसे पीटने लगते हैं। इस बीच नकली दुल्हन मौका देखकर अपने भाई जो कि असल में उसका पति था, के साथ फरार हो जाती है।
गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार लेकिन सरगना पति-पत्नी फरार
जबलपुर की लार्डगंज पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। ठग पति-पत्नी फरार हैं। गिरोह ने सागर में भी कुछ युवकों को नकली शादी के जाल में फंसाकर ठगा है। एसपी रोहित काशवानी ने सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर और TI प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने ठगी का खुलासा करते हुए बताया कि इस गिरोह में कई लड़के-लड़कियां भी शामिल हैं। जब जैसी जरूरत होती है, वे आपस में वैसे रिश्ते बना लेते हैं। कभी कोई भाभी बन जाती है, कोई मां तो कोई पिता। ठगी की रकम किरदार के हिसाब से आपस में बांटते हैं। ठगी की वारदात में जिसकी जितनी अहम भूमिका होती है, उसे उतना बड़ा हिस्सा दिया जाता है।
कोर्ट मैरिज करने को कहा
बंटी-बबली गिरोह की ठगी का शिकार हुए पन्ना के सुनवानी खुर्द निवासी जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि उनकी शादी नहीं हो रही थी। इस बारे में रिश्तेदारों से बात की तो उन्होंने मदद के लिए घाट पिपरिया दमोह निवासी रवि दुबे का नंबर देकर संपर्क करने को कहा। रवि दुबे ने उन्हें रजनी तिवारी नाम की महिला का नंबर दिया। रजनी से बात होने पर उसने जयप्रकाश को अपना फोटो मोबाइल फोन पर भेजने को कहा। इस पर उन्होंने पड़ोसी श्यामकांत प्यासी के मोबाइल से रजनी को अपना फोटो भेज दिया। इसके बाद उन्हें तीन लड़कियों के फोटो भेजे गए। इन तीन फोटो में से उन्होंने अंजलि तिवारी नाम की लड़की का फोटो पसंद किया। फिर उससे कोर्ट में शादी कराने की बात कह कर रजनी ने 8 जुलाई को जयप्रकाश को जबलपुर बुला लिया। बाद में जब पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि अंजलि असल में गिरोह में शामिल सुमन जैन थी।
नकली पुलिसवालों की एंट्री
रजिस्टर्ड शादी होने के बाद सभी गोलाबाजार आ गए। यहां से रजनी, जयप्रकाश से 1.10 लाख रुपए लेकर जेवर और कपड़े खरीदने का बोलकर चली गई। अंजलि और पति विकास वहीं पर खड़े रहे। इसी बीच दो बाइक से चार युवक आए। खुद को पुलिसवाला बता कर गाड़ी के कागज मांगे। धमकी देने लगे कि तुम लोग लड़की भगाकर ले जा रहे हो। थाने ले जाने का डर दिखाकर जयप्रकाश से 8,500 रुपए ले लिए। आरोपियों ने उसके साथ मारपीट भी की। इसी बीच अंजलि और विकास वहां से नदारद हो गए। कुछ देर बाद रजनी का भी मोबाइल बंद हो गया। रवि ने भी फोन नहीं उठाया। इसके बाद जयप्रकाश ने लार्डगंज थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने जब्त किए पैसे
चार आरोपियों से पुलिस ने 58,500 रुपए बरामद किए। बाकी रकम फरार दंपती के पास हैं। पुलिस मामले से जुड़े रवि तिवारी, शादी कराने वाले वकील अजय शुक्ला, मेडिकल पावर हाउस के पास रहने वाली रेखा सोंधिया की तहकीकात कर उन्हें ढूंढने की कोशिश रही है।
सागर में भी कराई शादी
पुलिस की पूछताछ में ये बात सामने आई है कि ये एक बड़ा रैकेट है। इसमें कई लड़कियां और दलाल हैं। गिरोह ने जून 2021 में सागर में भी फर्जी शादी कराई थी। गिरोह ने छीनामानी में रहने वाली लक्ष्मी नाम की युवती की फर्जी शादी कराई और उससे पैसे ऐंठे।