New Delhi. महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद शुक्रवार (22 सितंबर) को दिल्ली के बीजेपी कार्यालय में जश्न मना। महिला कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुष्पमालाओं से अभिनंदन किया और धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने महिला कार्यकर्ताओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
मोदी बोले- हम सबका सौभाग्य, ये अवसर हमें मिला
मोदी ने कहा कि मैं आज देश की हर माता-बहन और बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 20 और 21 सितंबर को सबने एक नया इतिहास बनते देखा। हम सबका सौभाग्य है कि ये अवसर हमें मिला है। आने वाली हर पीढ़ी तक इस दिवस की और इस निर्णय की चर्चा होगी। सुबह से ही बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय के बाहर मौजूद रहीं। उन्होंने गुलाल लगाकर और मिठाई बांटकर बिल के पास होने का जश्न मनाया।
मोदी का संबोधन : हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा
मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि कभी-कभी किसी निर्णय में देश का भाग्य बदलने की क्षमता होती है। हम ऐसे ही निर्णय के साक्षी हैं। जिस बात को देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था। वो सपना अब साकार हुआ है। यह देश के लिए खास समय है। यह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए भी खास है।
उन्होंने कहा, आज हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। पूरे देश की माताएं, बहनें बेटियां खुशी मना रही हैं। हमें आशीर्वाद दे रही हैं। करोड़ों माताओं बहनों के सपनों को साकार करने का आशीर्वाद हम भाजपा के कार्यकर्ताओं को मिला है। यह हमारे लिए गौरव करने का दिन है।
यह सामान्य कानून नहीं, नए भारत का उद्घोष है यह
मोदी ने कहा, यह कोई सामान्य कानून नहीं है, यह नए भारत का उद्घोष है। महिलाओं का जीवन सुधारने के लिए जो गारंटी नरेंद्र मोदी ने दी थी, उसका यह प्रत्यक्ष प्रमाण है। इस कानून के जरिए भाजपा महिलाओं की भागीदारी के लिए 3 दशक से प्रयास कर रही थीं। यह हमारा वादा था। आज हमनें इसे पूरा कर दिया है। इसमें कई बाधाएं थीं, लेकिन जब नीयत पवित्र हो तो परेशानियों को पार करके भी परिणाम लाती है। ह अपने आप में रिकॉर्ड है कि इस कानून को संसद के दोनों सदनों में व्यापक समर्थन मिला। पक्ष-विपक्ष ने भी राजनीति से उठकर इसका समर्थन किया। मैं सबको धन्यवाद देता हूं।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बन जाएगा कानून
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। 20 सितंबर को लोकसभा में 7 घंटे की चर्चा के बाद यह बिल पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। 21 सितंबर को बिल राज्यसभा में पेश हुआ। सदन में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया और बिल पास हो गया। अब ये बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। 50% विधानसभाओं से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर से यह कानून बन जाएगा।