मनमर्जी से नहीं ले पाएंगे लोन और क्रेडिट कार्ड, नए नियम जारी, जानें कौन-कौन से नियमों को किया सख्‍त

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The Sootr
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 मनमर्जी से नहीं ले पाएंगे लोन और क्रेडिट कार्ड, नए नियम जारी, जानें कौन-कौन से नियमों को किया सख्‍त

NEW DELHI. देश में कई लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड का सहारा लेते हैं। भारतीय बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे अनसिक्‍योर्ड लोन जारी करते हैं। ऐसे में अब इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, वहीं डिफॉल्‍ट और समय पर पेमेंट के मामले घट रहे हैं। इस पर सख्ती करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नए नियम जारी किए हैं। ऐसे में अब क्रेडिट कार्ड बनवाना और पर्सनल लोन लेना मुश्किल हो सकता है। आरबीआई ने बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के अनसिक्‍योर्ड लोन पोर्टफोलियों से जुड़े नियमों को कड़ा कर सुरक्षा निधि को बढ़ा दिया है।

कौन-कौन से नियमों को किया सख्‍त

आरबीआई ने बैंकों के अनसिक्‍योर्ड लोन को लेकर बीते गुरुवार को एक पत्र जारी किया। केंद्रीय बैंक ने इसमें कहा, अब बैंकों और नॉन बैंकिंग कंपनियों को अनसिक्‍योर्ड लोन पोर्टफोलियो के लिए ज्‍यादा पूंजी अलग रखने की आवश्‍यकता होगी। यह पूंजी पहले से 25 फीसदी ज्‍यादा होगी। जहां पहले 100 फीसदी अलग पूंजी रखी जाती थी, वहीं अब बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को 125 फीसदी कैपिटल अलग रखने की जरूरत होगी। इसे ऐसे समझें, जैसे बैंक ने 5 लाख रुपए का पर्सनल लोन दिया तो उसे पहले 5 लाख रुपए ही अलग रखने पड़ते थे, लेकिन अब बैंक को 25 फीसदी ज्‍यादा 6 लाख 25 हजार रुपए अलग रखना होगा। ऐसे में बैंक अब ग्राहकों को आसानी से लोन व क्रेडिट कार्ड प्रदान नहीं करेगा।

नियम सख्त करने की क्या है वजह?

पिछले कुछ समय से पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड में तेज ग्रोथ देखी गई है। पिछले साल बैंक लोन ग्रोथ को अनसिक्‍योर्ड लोन ने बड़े मार्जिन से पीछे छोड़ दिया था। खासकर क्रेडिट और पर्सनल लोन में असामान्‍य बढ़ोतरी देखी गई। पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड की संख्‍या में तो इजाफा हुआ ही है, वहीं डिफॉल्‍ट के मामले भी ज्‍यादा आए और समय पर पेमेंट के मामले कम हुए। ऐसे में आरबीआई ने इस तरह के लोन के नियम को सख्‍त किया है।

ग्राहकों पर क्‍या होगा असर?

आरबीआई के इस लोन नियम से बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को ज्‍यादा कैपिटल अलग से रखने होंगे। इसका मतलब है कि बैंकों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को अनसिक्‍योर्ड लोन के लिए कम पैसे बचेंगे, जिस कारण ग्राहकों को इस तरह के लोन लेने में समस्‍या आ सकती है। साथ ही बैंक और एबीएफसी कुछ क्राइटेरिया भी तय कर सकते हैं।

किस तरह के लोन पर नहीं लागू होगा ये नियम

भारतीय रिजर्व बैंक ने स्‍पष्‍ट किया है कि किस तरह के लोन पर ये नियम लागू नहीं किया जाएगा। अमूमन लोन दो तरह के होते हैं। सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड लोन। अनसिक्‍योर्ड लोन में पर्सनल लोन और क्र‍ेडिट कार्ड होते हैं, वहीं सिक्‍योर्ड लोन में होम लोन, कार लोन, गोल्‍ड लोन और प्रॉपर्टी लोन आदि आते हैं। इस तरह के लोन सिक्‍योर्ड इस कारण होते हैं, क्‍योंकि इसके बदले कुछ न कुछ बैंकों के पास रखा होता है। आरबीआई के इस नियम का असर सिक्‍योर्ड लोन पर नहीं होगा।

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