PUNE. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान 28 जनवरी, शनिवार को कहा, हनुमान जी बहुउद्देशीय राजनयिक थे और रणनीतिक धैर्य का सबसे बढ़िया उदाहरण भगवान कृष्ण हैं। उन्होंने शिशुपाल को 100 बार क्षमा किया और उसके बाद क्या किया, आप सभी को पता है।
अगर किसी ज़मीन की बात करते हैं तो ये ज़मीन 1962 में चीन ने कब्ज़ा किया था, वे(विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है...अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज़ या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता: विदेश मंत्री pic.twitter.com/yUNOOEQ89D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2023
बिना नाम लिए राहुल गांधी पर साधा निशाना
कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने भारत की धरती पर चीन के सैनिकों के कब्जे से जुड़े सवाल पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, अगर किसी जमीन की बात करते हैं तो ये जमीन 1962 में चीन ने कब्जा किया था, विपक्ष आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसो हुआ है।
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पाकिस्तान पर बोलना सही नहीं
विदेश मंत्री ने कहा, पाकिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, उसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोलना मेरे लिए सही नहीं होगा। इसके अलावा सिंधु जल संधि पर उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी मामला है। दोनों देशों के सिंधु आयुक्त इस पर बात करेंगे। हम उसके बाद ही अपने भविष्य के कदमों पर चर्चा कर सकते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान जी-20 सम्मेलन पर भी बात की। उन्होंने कहा, इस बार जी-20 में 200 बैठके होंगी। इन बैठकों के माध्यम से हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि भारत में आकर बदलाव को देखिए। दुनिया के लिए भारत के उत्साह और सकारात्मकता को देखिए।
द इंडिया वे के मराठी अनुवाद का विमोचन
विदेश मंत्री एस जयशंकर की पुस्तक द इंडिया वे के मराठी अनुवाद का शनिवार को विमोचन हुआ। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दबाव के बिना एक स्पष्ट और मजबूत विदेश नीति बनाई है। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने पुस्तक में विदेश नीति के तीन प्रमुख तत्वों का उल्लेख किया है, जिसमें भारत का विभाजन जिसने हमें कमजोर बनाया और परमाणु नीति शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया में मजबूती से खड़ा है और जो देश रूस या अमेरिका के दबाव में नहीं रहना चाहते, उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में दृढ़ विश्वास जताया है।