केदारनाथ-बद्रीनाथ में दान-पुण्य करने वाले रहें सावधान; कपाट के बाहर लगे फेक पोस्टर, मंदिर कमेटी ने पुलिस में की शिकायत

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Neha Thakur
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केदारनाथ-बद्रीनाथ में दान-पुण्य करने वाले रहें सावधान; कपाट के बाहर लगे फेक पोस्टर, मंदिर कमेटी ने पुलिस में की शिकायत

DEHRADUN. देश के मंदिरों में अब ठगों ने नया तरीका ढूंढ निकाला है। दरअसल, उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद मंदिरों में चंदा मांगने के लिए ठगों ने क्यूआर कोड लगा दिया है। कोड देखने के बाद बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी ने 30 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा-  मंदिरों के पास क्यूआर कोड के माध्यम से दान मांगने वाले बोर्ड उनके द्वारा नहीं लगाए गए हैं। बोर्ड दोनों धामों के कपाट खुलने के दिन लगे थे और समिति के अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद उसी दिन हटा दिए गए। मंदिर कमेटी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि क्यूआर कोड पर स्कैन कर किसी भी तरह का दान न करें।





समिति पदाधिकारियों ने की जांच की मांग





समिति अध्यक्ष अजय ने कहा कि मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने पहले अपने स्तर पर मामले की जांच की और उसके बाद रविवार को केदारनाथ पुलिस चौकी और बद्रीनाथ थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराकर मामले की जांच की मांग की। मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक मंदिर कमेटी द्वारा किसी भी ऑनलाइन दान-पुण्य का उपयोग नहीं किया गया है।





25 अप्रैल को खुले केदारनाथ कपाट





उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए हैं। इस दौरान हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। कपाट खुलने के साथ ही धाम में हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा। इस खास मौके पर मंदिर परिसर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया। इस दौरान मंत्रोच्चारों और आर्मी बैंड की मधुर धुन भी बज रही थी। केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने कपाट खोला था। 





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27 अप्रैल को खुले बद्रीनाथ कपाट





केदारनाथ के बाद भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खुल दिए गए। साल की पहली पूजा और आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई। आईटीबीपी के बैंड के अलावा गढ़वाल स्काउट्स ने भी इस मौके पर प्रस्तुति दी। कपाट खुलने से पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर पहुंच गए थे। मंदिर को 15 टन से अधिक फूलों से सजाया गया था।



 



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