NEW DELHI. बिहार के सीएम नीतीश कुमार सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। उनकी पार्टी में अंदरुनी उठापटक और INDIA गठबंधन में उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिलने से... नीतीश की अगली चाल पर सबकी नजर है। गुरुवार की सुबह पटना में बीजेपी नेता स्वर्गीय अरुण जेटली के जयंती समारोह में श्रद्धांजलि देने पहुंचना और कल यानी शुक्रवार को होने वाली उनकी पार्टी जेडीयू की कार्यकारिणी बैठक को लेकर दिल्ली रवाना होने को सियासत से जोड़ कर देखा जा रहा है।
जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं
सियासत के जानकारों की मानें तो जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा इसकी ओर समय इशारा कर रहा है। इसी बीच जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के इस्तीफे की खबरों ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है। हालांकि, सीएम नीतीश जेडीयू की दिल्ली बैठक को सामान्य बता रहे हैं वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ललन सिंह के इस्तीफे की खबरों को अफवाह करार दे रहे हैं।
ललन सिंह हटेंगे?
सियासी गलियारों में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के हटने की खबरें तेजी से दौड़ रही हैं। शुकवार को पार्टी की रार्ष्टीय कार्यकारिणी और रार्ष्टीय परिषद की बैठक है। जिसमें काफी कुछ होने की संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट बता रहीं हैं कि INDIA गठबंधन की बैठक में ललन सिंह ठीक से नीतीश को पेश नहीं कर सके, इससे नीतीश नाराज हैं और ललन सिंह को पद से हटाना चाहते हैं। कहा यह जा रहा है कि ललन सिंह इस्तीफा देना चाहते हैं। इस पर उनकी पार्टी के विधायक सिद्धार्थ पटेल ने कहा कि ललन सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए अपने दायित्वों से फ्री होना चाहते हैं। हालांकि इसके लिए कल होने वाली बैठक तक इंतजार करना होगा।
...तो जेडीयू का नया अध्यक्ष कौन?
यदि हवा में चल रही खबरों पर भरोसा कर लें और कल ललन सिंह अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देते हैं तो जेडीयू का नया अध्यक्ष कौन होगा? इसका जवाब पार्टी का कोई जिम्मेदार नहीं देना चाह रहा है। सब सिर्फ शुक्रवार की दिल्ली बैठक का हवाला दे रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार जब भी कोई बड़ी बैठक करते हैं तो बिहार में खेला हो जाता है। सूत्र बताते हैं कि जेडीयू बैठक में नीतीश खुद भी पार्टी के अध्यक्ष बन सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो यह माना जाएगा कि ललन सिंह से नीतीश की नाराजी की खबरें सही थीं और ललन सिंह की आरजेडी के करीब पहुंचने की जानकारी नीतीश को लग गई थी।
क्या नीतीश जाएंगे एनडीए के साथ?
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार को INDIA में तरजीह नहीं मिलने पर वे एनडीए से फिर जुड़ सकते हैं। हालांकि वर्तमान में नीतीश कुमार के सामने कई उलझनें हैं। वे अपनी पार्टी की अंदरूनी उठापटक से निपटें या राष्ट्रीय राजनीति में चल रहे समीकरणों में खुद को कैसे एडजेस्ट करें।