रिपोर्ट: कोरोना में 1 लाख 47 हजार बच्चों ने माता-पिता को खोया, MP 7 वें नंबर पर

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रिपोर्ट: कोरोना में 1 लाख 47 हजार बच्चों ने माता-पिता को खोया, MP 7 वें नंबर पर

नई दिल्ली. कोरोना काल में 1 लाख 47 हजार बच्चों ने अपने माता या पिता को खोया है। 16 जनवरी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में इसकी जानकारी दी। आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना काल में एक अप्रैल 2020 के बाद से देश के 1 लाख 47 हजार 492 बच्चों ने अपने माता, पिता या दोनों में से किसी एक को गंवा दिया है। इसमें मध्यप्रदेश के आंकड़ें भी चौंकाने वाले हैं। यहां के 7 हजार 340 बच्चों ने ये दुख (children lost their parents) झेला है। आयोग ने जानकारी (ncpcr report on children) दी कि ये आंकड़े 11 जनवरी 2021 तक के हैं। इन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से बाल स्वराज पोर्टल-कोविड केयर में दिए गए डेटा के आधार पर जुटाया गया है।



सबसे ज्यादा उड़ीसा में प्रभावित हुए बच्चे: अप्रैल 2020 से कोरोना और अन्य कारणों से अपने माता या पिता या माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की राज्यवार जानकारी देते हुए आयोग ने कहा कि ऐसे बच्चों की अधिकतम संख्या ओडिशा (24,405) से है। इसके बाद महाराष्ट्र (19,623), गुजरात (14,770), तमिलनाडु (11,014), उत्तर प्रदेश (9,247), आंध्र प्रदेश (8,760), मध्य प्रदेश (7,340), पश्चिम बंगाल (6,835) दिल्ली (6,629) और राजस्थान (6,827) का नंबर आता है।



488 बच्चे छोड़े गए: रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक दोनों माता-पिता को खोने वाले बच्चों की संख्या 10 हजार 94 है। जबकि माता या पिता में किसी एक को गंवाने वालों की संख्या 1 लाख 36 हजार 910 मिली। इसके अलावा छोड़े गए बच्चों की संख्या 488 रही। इन सभी आंकड़ों को जोड़ा जाए तो देश में माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों की संख्या 1 लाख 47 हजार 492 पहुंचती है। 



किस उम्र के कितने बच्चों ने गंवाए माता-पिता?: माता-पिता गंवाने वाले बच्चों में 76 हजार 508 लड़के रहे, जबकि 70 हजार 980 लड़कियां हैं। इसके अलावा चार ट्रांसजेंडर बच्चे भी शामिल हैं। एफिडेविट के मुताबिक, जिस उम्र के बच्चे कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, उनमें आठ से 13 साल के 59 हजार 10 बच्चे, 14-15 साल के 22 हजार 763 बच्चे, 16-18 साल के 22 हजार 626 बच्चे शामिल रहे। इसके अलावा चार से सात साल के बीच के 26,080 बच्चों के माता या पिता या दोनों की इस दौरान जान गई। 



जिन बच्चों ने माता-पिता खोए, फिलहाल उनकी स्थिति क्या?: NCPCR ने बच्चों के आश्रय की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी दी। इसके मुताबिक, अधिकतम बच्चे (1,25,205) माता या पिता में से किसी एक के साथ हैं, जबकि 11,272 बच्चे परिवार के सदस्यों के साथ और 8,450 बच्चे अभिभावकों के साथ हैं। हलफनामे में कहा गया है कि 1,529 बच्चे बाल गृहों में, 19 खुले आश्रय गृहों में, दो अवलोकन गृहों में, 188 अनाथालयों में, 66 विशेष गोद लेने वाली एजेंसियों में और 39 छात्रावासों में हैं। 



सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। जिसके बाद आयोग ने इसकी जानकारी दी। आयोग ने बताया कि महामारी में बच्चे किसी तरह प्रभावित न हों। इस बारे में कमीशन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के साथ वर्चुअली मीटिंग कर रहा है। ताकि बच्चों के हितों की रक्षा की जा सके। 

 


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