NEW DELHI. दिल्ली के जंतर-मंतर में पहलवानों के धरना प्रदर्शन को आज यानी 23 मई को एक महीना हो गया है, बावजूद भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। मंगलवार को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालेंगे। पहलवान बजरंग पूनिया ने आम लोगों से अपील की है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से निकाले जा रहे कैंडल मार्च में शामिल हों। उन्होंने कहा- शायद ये देश का पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें पॉक्सो के तहत केस दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो पा रही।
पहलवानों को मिला खाप पंचायत का समर्थन
21 मई को हरियाणा के महम में एक खाप पंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों के धरने का एक महीना पूरा होने पर इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इसके साथ ही जिस दिन नई संसद का उद्घाटन किया जाएगा, पहलवान उसी दिन संसद के बाहर महिला महापंचायत आयोजित करेंगे। बता दें कि इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर 7 मई को भी खाप पंचायत हुई थी, जिसमें सरकार को बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। खाप पंचायत में सरकार को 21 मई तक पहलवानों के मुद्दे पर एक्शन लेने का अल्टीमेटम देते हुए कहा गया था कि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसके बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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मेरे साथ विनेश और बजरंग पूनिया भी कराएं नार्को टेस्ट
विवाद के बीच बृजभूषण ने नार्को टेस्ट को लेकर भी बयान दिया है। दो दिन पहले बीजेपी नेता सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा- मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलिग्राफी टेस्ट या लाइ डिटेक्टर करवाने के लिए तैयार हूं, लेकिन मेरी शर्त है मेरे साथ विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का भी ये टेस्ट होने चाहिए। अगर दोनों पहलवान अपना टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं तो प्रेस बुलाकर घोषणा करें और मैं उनको वचन देता हूं कि मैं भी इसके लिए तैयार हूं। मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं और हमेशा कायम रहने का देशवासियों को वादा करता हूं।
नार्को टेस्ट कराने पहलवान हुए तैयार
बृजभूषण सिंह के नार्को टेस्ट कराने के चैलेंज को बजरंग पूनिया ने स्वीकार कर लिया है। पूनिया ने जवाब देते हुए कहा है कि अगर फेडरेशन के घोटाले गिनना हैं तो हम नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। वहीं, जिन लड़कियों ने शिकायत की है, वह भी नार्को टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कोच विनोद तोमर, जितेंद्र और धीरेंद्र का भी नार्को टेस्ट कराने की मांग की है।
मेडल लौटाने का किया ऐलान
4 मई को धरने पर बैठे पहलवानों ने ऐलान कर दिया कि वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते गए मेडल को वापस कर देंगे। पहलवानों का आरोप है कि 3 मई की रात दिल्ली पुलिस के जवानों ने धरने पर बैठे पहलवानों के साथ मारपीट की। इस हाथापाई में कुछ पहलवानों के सिर में चोटें भी आईं। अगले दिन विनेश फोगाट ने ऐलान किया कि पहलवान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते हुए सभी मेडल लौटाएंगे। वहीं, महावीर फोगाट ने भी द्रोणाचार्य अवार्ड वापस लौटाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, अगर खिलाड़ियों को न्याय नहीं मिला तो मैं भी द्रोणाचार्य अवार्ड नहीं रखूंगा और उसे लौटा दूंगा।
पहलवानों को मिला राजनीतिक दल का समर्थन
धरने पर बैठे पहलवानों को कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिला है, जिनमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आईएनएलडी और जेजेपी शामिल है। अब तक जो नेता पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे हैं, उनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल, भूपेंद्र हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा, शैलजा कुमारी, अभय चौटाला, ओपी चौटाला, सचिन पायलट शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पहलवानों और WFI अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के बीच जनवरी 2023 से ही विवाद जारी है। बीते 23 अप्रैल से पहलवान खुलकर बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में आ गए और जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, लेकिन उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट के दखल पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया था। आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए जा चुके हैं। बृजभूषण से भी दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की थी। पहलवान बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।