ग्राहकों की पसंद डायवर्ट कर 10 तरीकों से ‘ठग’ रहीं ऑनलाइन कंपनियां, अब सरकार करेगी कार्रवाई 

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Pratibha Rana
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ग्राहकों की पसंद डायवर्ट कर 10 तरीकों से ‘ठग’ रहीं ऑनलाइन कंपनियां, अब सरकार करेगी कार्रवाई 

New Delhi. उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली ऑनलाइन कंपनियों पर केंद्र सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है। ऐसी कंपनियों को बिक्री के भ्रामक हथकंडों से परहेज करने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं, उपभोक्ता मंत्रालय ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता की पसंद को परिवर्तित करने वाले 10 तरीकों (डार्क पैटर्न) की पहचान करते हुए उन्हें परिभाषित भी किया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस तरह के हथकंडे अपनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। 



अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने डार्क पैटर्न में शामिल कंपनियों पर ही है कार्रवाई 



उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार (30 जून) को जानकारी दी है कि देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ ऑनलाइन खरीदारी में तेजी आई है। ऐसे में चालाकी से उपभोक्ता की सोच को प्रभावित किया जा रहा है और उन्हें पसंद का निर्णय नहीं ले पाने के लिए विवश किया जा रहा है। डार्क पैटर्न में ऐसे टूल्स होते हैं, जिन्हें एग्जिट करना मुश्किल होता है। यह उपभोक्ता अधिनियम का उल्लंघन और कंपनियों की अनुचित चालाकी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में यूरोपीय संघ (ईयू), अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने डार्क पैटर्न में शामिल कंपनियों पर कार्रवाई की है। 



उपभोक्ता यहां कर सकते हैं शिकायत



डार्क पैटर्न की घटनाओं की रिपोर्ट करने या फीडबैक देने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) नंबर 1915 पर कॉल कर सकते हैं। उपभोक्ता 8800001915 नंबर पर वाट्सएप के माध्यम से भी सेल्स कंपनियों की ऐसी चालाकी की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं। 



ये हैं उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करने वाले हथकंडे




  • फाल्स अर्जेंसी : झूठ बोलकर उपभोक्ता पर दबाव बनाया जाता है कि कम कीमत वाले बहुत कम उत्पाद बचे हैं। अभी बुक नहीं किया गया तो दाम बढ़ जाएंगे। 


  • बास्केट स्नीकिंग: उपभोक्ता को बताए बिना शॉपिंग कार्ट में अतिरिक्त उत्पाद जोड़ दिया जाता है। बाद में इसे फाइनल बिल में जोड़ दिया जाता है।

  •  कंफर्म शेमिंग: कई बार वेबसाइट पर जाने के बाद बाहर (एग्जिट) निकलना मुश्किल होता है। बार-बार मैसेज आता है, 'क्या आप सचमुच एग्जिट करना चाहते हैं! कई लोग इस प्रोडक्ट को देख रहे हैं।'

  • फोर्स्ड एक्शन: सर्विस या उत्पाद को जबरन क्लिक कराना और तब तक वेबसाइट या अकाउंट का एक्सेस नहीं देना जब तक उपभोक्ता उत्पाद को चेक नहीं कर लेता है।

  • नैगिंग: यूजर से एक ही बात तब तक पूछते रहना और विंडो सामने से न हटाना, जब तक वह ऊबकर खरीद न ले।

  • सब्सक्रिप्शन ट्रैप्स: कई बार उपभोक्ता को सब्सक्रिप्शन को एग्जिट करने का विकल्प नहीं दिया जाता है। वह उलझकर रह जाता है।

  • इंटरफेस इंटरफेरेंस: यह हथकंडा खरीद के लिए मजबूर करता है। कई बार सर्विस कैंसल करने या अकाउंट डिलीट करने का विकल्प नहीं मिलता है।

  • बेट एंड स्वीच : कई बार आर्डर कुछ और डिलीवर कुछ और कर दिया जाता है। बहाना होता है स्टॉक खत्म हो जाने का। दाम वही होता है, लेकिन क्वॉलिटी खराब होती है।

  • हिडेन कास्ट : उत्पाद का प्रचार कम दाम में किया जाता है, किंतु अंतिम कीमत अधिक होती है। ऐसा ओला-उबर या प्लेन के टिकटों में होता है।

  • भ्रामक विज्ञापन : उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए कुछ उत्पाद को बेहतर बताया जाता है, किंतु वास्तव में वह निम्न कोटि का होता है।

     


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