बीरभूम. पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई। 21 मार्च की देर रात भीड़ ने 10-12 घरों को आग के हवाले कर दिया। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई। एक ही घर से 7 लोगों के शव निकाले गए हैं। जानकारी के मुताबिक बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी के उपप्रधान भादू शेक की हत्या का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही डीएम समेत बीरभूम के तमाम बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जांच के लिए SIT गठित: हिंसा से बचने के लिए लोग घर में छिपे थे। बाहर से घरों का दरवाजा बंद कर आग के हवाले कर दिया। इसमें ज्यादातर लोगों की मौत जिंदा जलने से हुई है। इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। इसमें एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह, सीआईडी एडीजी ग्यानवंत सिंह और डीआईजी सीआईडी ऑपरेशन मीरज खालिद को शामिल हैं। यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की घटना हो रही है। पिछले साल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान ले ली थी।
टीएमसी नेता की हत्या के बाद भड़की: 21 मार्च की देर रात बीरभूम के रामपुरहाट में टीएमसी के पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार शेख स्टेट हाईवे 50 पर जा रहे थे। तभी अज्ञात लोगों ने उनपर बम फेंक दिया। इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें रामपुरहाट के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद ही रामपुरहाट में हिंसा भड़की। हत्याओं के बाद क्षेत्र के किसी भी घर में एक भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है। यह हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में हुई सबसे बड़ी राजनीतिक हिंसा में से एक है।