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ओडिशा के बालासोर में बड़ा रेल हादसा भयावह रेल हादसे में बाल- बाल बचे कर्नाटक के 110 लोग, तीर्थ यात्रा के लिए हावड़ा एक्सप्रेस से जा रहे थे झारखंड
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Sootr
6/4/23, 12:36 PM (अपडेटेड 6/4/23, 7:40 PM)

ODISHA. ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे के बाद देश में शोक की लहर है। इस भयानक दुर्घटना में अब तक 288 यात्रियों की मौत हो चुकी हैं। सैकड़ों घायलों का इलाज अलग- अलग अस्पताल में चल रहा है। वहीं लाशों के ढेर के बीच परिजन फोटो लेकर अपनों की तलाश में भटक रहे हैं। कहीं आंसूओं का सैलाब तो कहीं अपनों की खोज और अफरातफरी। रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाकर अपने रिश्तेदार का पता लगा रहे हैं। रेलवे भी पीड़ितों को राहत देने के लिए तमाम कोशिश कर रहा है। इसी बीच राहत भरी खबरें भी सामने आ रही है। इस हादसे में कर्नाटक से झारखंड जा रहा तीर्थयात्रियों का एक जत्था जिसमें 100 से ज्यादा शामिल थे वो सभी सकुशल है। 


सम्मेद शिखरजी जा रहा यात्रियों का जत्था सुरक्षित


बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार हुई यशवंतपुर हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले से कन्नड़ी जैन समाज के 110 लोग यात्रा कर रहे थे। ये सभी झारखंड में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी की यात्रा पर जा रहे थे। ये सभी शुक्रवार को साढ़े 11 बजे बेंगलुरु से निकले थे और ये सभी ट्रेन के S3 और S4 कोच में सफर कर रहे थे। हादसे में सभी 110 लोग बाल-बाल बच गए। ऐसा कहा जा रहा है कि ये सभी लोग हावड़ा के रास्ते झारखंड में सम्मेद शिखरजी यात्रा पर जा रहे थे। इसकी पुष्टि उनके परिवार वालों ने की है। फिलहाल हादसे से सभी सुरक्षित हैं। हादसे के बाद कर्नाटक में 4 हेल्पलाइन खोली गईं, लेकिन अभी तक एक भी कॉल रिसीव नहीं हुई है।


288 नहीं, 275 लोगों की जान गई- ओडिशा सरकार


आपको बता दे कि शुक्रवार की शाम बालासोर के बहनागा स्टेशन के पास मालगाड़ी और कोरोमंडल एक्सप्रेस में टक्कर हो गई थी। इसके चंद मिनट बाद तेज गति से आ रही बंगलुरू हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस से जा भिड़ी थी। हादसे के मंजर को जिसने भी देखा वो सहम गया। इस हादसे में मृतकों का आंकड़ा 288 पहुंच चुका हैं। वहीं 900 से ज्यादा घायल हैं। इसी बीच मृतकों की संख्या पर ओडिशा सरकार ने दावा किया है कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। राज्य के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार को कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।


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इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव से हादसा- रेल मंत्री


इधर हादसे की वजह बताते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ। कवच का इससे कोई संबंध नहीं है। हादसे के मूल कारण का पता लगा लिया गया है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है और जांच रिपोर्ट आने दीजिए लेकिन हमने घटना के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली है, अभी हमारा फोकस रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों के सुचारू रूप से परिचालन की बहाली पर है। रेल मंत्री ने दावा किया कि बुधवार तक काम पूरा कर लेंगे और ट्रेन चलनी शुरू हो जाएंगी।


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