BHOPAL. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर 'लाल आंतक' ने जवानों को निशाना बनाया है। नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में बुधवार यानी (26 अप्रैल) को नक्सली हमले में डीआरजी के 11 जवान शहीद हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अरनपुर थाना इलाके में नक्सलियों ने वाहन में विस्फोट किया जिसकी चपेट में आकर 11 जवान शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि डीआरजी की ये टीम अपने साथियों को लेने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने IED ब्लास्ट में पुलिसकर्मियों का वाहन उड़ा दिया। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक 50 किलो विस्फोटक से ब्लास्ट किया गया।
पीएम ने शोक जताया, गृहमंत्री ने की सीएम से बात
वहीं इस हमले के बाद राजनीतिक पारा भी चढ़ गया है। हमले के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही, तो वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने सरकार पर निशाना साधा है। हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है तो वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से चर्चा कर मामले की डिटेल ली है। आपको बता दें कि ये कोई पहला हमला नहीं है जिसमें जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी हो। इससे पहले भी कई बार नक्सलियों ने हमले किए हैं। हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ बड़े नक्सली हमले जिनमें कई जवानों की शहादत हुई।
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कब-कब 'लाल' हुआ 'धान का कटोरा'
- बड़े नक्सली हमलों की बात हो और 6 अप्रैल 2010 का वो काला दिन याद न आए ऐसा संभव ही नहीं है। इसी दिन नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में 76 जवानों को निशाना बनया था। पूरा देश इस नक्सली हमले से स्तब्ध रह गया था। हर तरफ इस कायराना करतूत पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही थी
छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सली ज्यादा सक्रिय
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं, क्योंकि वहां के मुकाबले झारखंड अधिक नक्सली प्रभावित है। छत्तीसगढ़ के 8 जिले तो झारखंड के 13 जनपद नक्सल प्रभावित हैं। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ की तुलना में झारखंड में कम नक्सली हमले होते हैं। अगर दोनों राज्यों में नक्सली अटैक की तुलना करें तो छत्तीसगढ़ में बीते 10 वर्षों में 3,722 तो झारखंड में 3,256 नक्सली हमले हुए हैं। इन आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि जहां झारखंड में नक्सली हमलों के मामलों में बढ़ोतरी आई है तो वहीं झारखंड में कमी आई है।