IMFHAL.हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियन का वीडियो सामने आने बाद लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। इस घटना की देशभर में निंदा की जा रही है। वहीं मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को लेकर विपक्षी दल मणिपुर की बीजेपी सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। हिंसाग्रस्त मणिपुर से दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का बेहद हैरान कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यहां 4 मई को भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया था। 4 मई को ही दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना थोउबाल जिले में हुई थी। इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले गए और उनसे अश्लील हरकतें कीं।
भीड़ के साथ आई महिलाओं ने रेप के लिए उकसाया
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने वाले दिन एक और घटना हुई, इस दिन लोगों की भीड़ ने दो अन्य लड़कियों का गैंगरेप कर हत्या कर दी गई थी। ये घटना कांगपोकपी जिले के कोनुंग ममांग इलाके में हुई थी, यह स्थान दूसरे घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर है। पीड़ितों के साथ काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि एक लड़की की उम्र 21 और दूसरी की 24 साल थी। दोनों गैराज में काम करती थीं। उस दिन भीड़ में महिलाएं भी आई थीं। उन महिलाओं ने ही भीड़ में मौजूद मर्दों से उनका रेप करने के लिए कहा था। इसके बाद वो लड़कियों को कमरे में ले गए। लाइट बंद कर दी। उनके मुंह पर कपड़ा बांध दिया गया। डेढ़ घंटे बाद उनको घसीटते हुए बाहर लाया गया। उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे। वो खून से लथपथ थीं। उनके बाल भी कटे हुए थे। दरिंदगी का शिकार हुई लड़कियों में से एक की मां ने बताया कि 16 मई को उन्होंने सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो FIR दर्ज कराई थी। डरे होने के कारण पहले रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत नहीं हुई। बाद में जब माहौल थोड़ा शांत हुआ तो रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस को नहीं मिले दोनों लड़कियों के शव
FIR के मुताबिक दोनों लड़कियों का रेप हुआ, उन्हें टॉर्चर किया गया और बाद में हत्या कर दी गई। इस वारदात में 100-200 लोगों के मौजूद होने का जिक्र है। ये केस फिलहाल पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस को अब तक पीड़ितों के शव नहीं मिले हैं। मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
3 मई से 28 जून तक 5 हजार 960 FIR दर्ज
हिंसाग्रस्त मणिपुर में 3 मई से 28 जून तक 5 हजार 960 FIR दर्ज हुईं। इनमें से 1 हजार 771 केस जीरो FIR के रूप में दर्ज हुए। आंकड़ों के एक तिहाई मामले महिला उत्पीड़न से जुड़े हुए थे। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर में 2019 में 2,830, 2020 में 2,349 और 2021 में 2,484 FIR ही दर्ज हुई थीं। इस साल मई-जून में ही करीब 6 हजार मामले दर्ज हो गए। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना को अमानवीय करार दिया और कहा कि अपराधियों को मृत्युदंड मिलना चाहिए, मुख्यमंत्री उन्होंने कहा कि ये मानवता के प्रति अपराध है और उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी। घटना में शामिल अन्य अपराधियों को पकड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। ने खुद माना है कि हिंसा के दौरान राज्य के विभिन्न थानों में हजारों FIR दर्ज हुई हैं। जीरो FIR दिल्ली, आइजोल और गुवाहाटी में भी दर्ज हो रही हैं।
अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी, घटना को लेकर हुआ विरोध प्रदर्शन
इधर महिलाओं से बर्बरता के मामले में मामले में एक नाबालिग समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मणिपुर पुलिस ने शनिवार शाम को ट्वीट कर जानकारी दी कि मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें 5 मुख्य आरोपियों के साथ एक नाबालिग भी शामिल है। इस मामले में पहले गिरफ्तार 4 आरोपियों की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी हुई थी, जहां से उन्हें 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा दिया गया है। वहीं घटना को लेकर चुराचांदपुर जिले में कुकी समुदाय की महिलाओं ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। मणिपुर की राजधानी इंफाल में भी महिलाओं ने टायर जलाकर विरोध जताया, मौके पर पहुंची सुरक्षाबल की टीम ने आग पर काबू पाया।