Pune. महाराष्ट्र पुलिस को बाइक चोरी के एक मामले में पूछताछ के दौरान रतलाम के आतंकी संगठन सूफा के दो सदस्यों को पकड़ने में कामयाबी मिली है। पकड़े गए दो युवकों का नाम इमरान खान और मोहम्मद यूनुस है, जो कि रतलाम के ही रहने वाले हैं। जिन पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम था। एनआईए लंबे समय से इन दोनों को तलाश रही थी। इनके अन्य साथी फिलहाल पहले से जेल में हैं। सभी पर जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप है।
बाइक चोरी का था मामला
दरअसल बीती रात पुणे में 3 आरोपी बाइक चुराने की फिराक में घूमते पाए गए थे। गश्त के दौरान पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया। इनका एक साथी फरार होने में कामयाब रहा। शुरुआती पूछताछ में दोनों इतने ज्यादा घबरा गए कि पुलिस को शक हुआ। जब इनकी निशानदेही पर इनके घर की तलाशी ली गई तो मौके पर एक जिंदा कारतूस, 4 मोबाइल और लैपटॉप बरामद हुआ। बाद में यह सामने आया कि इमरान और यूनुस तो एनआईए के वांटेड हैं। महाराष्ट्र पुलिस आज इन दोनों को कोर्ट में पेश करने जा रही है, साथ ही एनआईए और एटीएस को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
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मास्टर माइंड की प्रॉपर्टी अटैच
बता दें कि दो दिन पहले ही रतलाम में एनआईए ने छापेमार कार्रवाई करते हुए जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश के मास्टरमाइंड की प्रॉपर्टी अटैच कर ली थी। आरोप है कि इमरान अपने पोल्ट्री फॉर्म में साथियों को आईईडी बम बनाने का प्रशिक्षण देता था। साल 2022 में ही रतलाम पुलिस ने उसे और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर राजस्थान पुलिस को सौंपा था।
मार्च 2022 में हुआ था खुलासा
असल में 30 मार्च 2022 को राजस्थान के निंबाहेड़ा से सूफा संगठन के सदस्य जुबेर, अल्तमश शेरानी और सैफुल्ला विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री समेत पकड़े गए थे। बाद में टोंक से फरहान और मुजीब को भी गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में टेरर फंडिग के कनेक्शन का पता लगाने 10 माह पहले भी एनआईए की टीम ने छानबीन की थी।
3 राज्यों से 8 आतंकी गिरफ्तार
इधर सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने आज बेंगलुरु से 5 आतंकी गिरफ्तार किए हैं। जो कि बेंगलुरु में धमाका करने की साजिश रच रहे थे। टीम ने इन आतंकियों के पास से 4 वॉकी-टॉकी, 7 देशी पिस्तौल, 42 जिंदा गोलियां समेत 4 ग्रेनेड और 2 सैटेलाइट फोन भी बरामद किए हैं। पकड़े गए पांचों आतंकी साल 2017 में हुई एक हत्या के आरोपी हैं। पूछताछ में पता चला है कि जेल में रहने के दौरान उनका आतंकियों से संपर्क हुआ था। जिसके बाद वे देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गए।