Ayodhya. अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। गुरुवार (17 अगस्त) को उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो तस्वीरें जारी की हैं। पहली तस्वीर ड्रोन से ली गई है। इसमें भूतल के बाद मंदिर के प्रथम तल (फर्स्ट फ्लोर) भी आकार लेता नजर आ रहा है तो वहीं प्रथम तल पर खंभे भी खड़े हो चुके हैं। इन खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट है। इसके बाद छत डाली जाएगी। दूसरी तस्वीर में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर कॉरिडोर नजर आ रहा है। इन दोनों तस्वीरों को डिप्टी सीएम ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
गर्भगृह में सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे
बुधवार (16 अगस्त) को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राम मंदिर के गर्भगृह की छत का वीडियो जारी किया था। इसमें रामलला का गर्भगृह बनकर तैयार नजर आ रहा है। गर्भगृह की दीवारों पर आकर्षक नक्काशी की गई है। गर्भगृह की छत के बीच बनी नक्काशी के नीचे सिंहासन पर श्री रामलला विराजमान होंगे। जहां रामलला विराजमान होंगे, वहां इस समय वहां झंडा दिख रहा है। चंपत राय ने गर्भगृह की तस्वीर जारी कर अपने एक्स (पहले ट्विटर) पर इसे शेयर करते हुए लिखा, "श्री राम मंदिर के गर्भगृह की छत।"
170 खंभों पर खड़ा होगा भूतल
मंदिर निर्माण में राजस्थान और कर्नाटक के पत्थर लगाए जा रहे हैं। मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है, जिसमें देवी-देवताओं के चित्रों की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है। यह नक्काशी का काम काफी बारीक है, इसलिए इसे पहले से इन खंभों पर नहीं किया जा सकता था। डिजाइन के लिए पिंक सैंड स्टोन भी लगाए गए हैं। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है। मंदिर के गर्भगृह में लगे 6 खंभे सफेद संगमरमर के हैं, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंडस्टोन से बनाए गए हैं। राम मंदिर डूबते सूरज की रोशनी में दिव्य आभा बिखेरता नजर आ रहा है।
सूर्य की किरणें कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेंगी
साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के दिन भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। श्रीराम जन्म के समय ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेंगी। इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। खगोल शास्त्र के लोग इसे लेकर काम कर रहे हैं। भगवान श्रीराम के जन्म के समय बहुत तेज धूप होती है। इसके साथ मंद, शीतल हवाएं सरयू के जल को स्पर्श करते हुए भगवान के पास पहुंचती हैं। सरयू में लहरें तेज हो जाती हैं।
रामलला के विराजमान होने से पहले पुजारी और सेवादारों को बड़ा तोहफा
जनवरी 2024 में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के पहले उनके पुजारी और सेवादारों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। उन्हें वह सभी सुविधाएं मिलने वाली हैं, जो सरकारी कर्मचारियों को मिलती हैं। इसका फायदा वर्षों से रामलला की सेवा कर रहे पुजारी और सेवादारों को तो मिलेगा ही, साथ ही उन नए पुजारियों और सेवादारों को भी मिलेगा जिनकी नियुक्ति जनवरी 2024 से होने वाली है। जनवरी 2024 से पुजारी और सेवादारों सरकारी कर्मचारियों की तरह अवकाश, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा के साथ ही खाने-पीने का भत्ता भी मिलेगा।
परिसर में पांच अन्य मंदिर भी बन रहे
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अलावा परिसर में पांच अन्य मंदिर भी बनए जा रहे हैं। इसके लिए अतिरिक्त पुजारियों और सेवादारों की जरूरत भी होगी। इसको लेकर नियुक्ति दिसंबर 2023 तक पूरी कर ली जाएगी। जनवरी 2024 में पुजारी और सेवादार सभी अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
मंदिर में पांच साल के श्रीराम की मूर्ति होगी स्थापित
श्रीराम मंदिर में पांच साल के भगवान श्रीराम के बालक रूप की मूर्ति लगेगी। गर्भगृह में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी एक दिन की जाएगी। इसी साल, अक्टूबर तक मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के काम पूरे कर लिए जाएंगे।