New Delhi. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। पक्ष और विपक्ष की ओर से रोज-रोज नए दांव-पेच सामने आ रहे हैं। अब विपक्ष के गठबंधन I.N.D.I.A. की ओर से नई खबर आई है। 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए गठबंधन की 24 पार्टियां सहमत हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, 24 पार्टियों की ओर से कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने जा रही हैं। यह फैसला इंडिया गठबंधन फ्लोर लीडर्स की 5 सितंबर को हुई बैठक में लिया गया है। अब पूरे आसार हैं कि संसद सत्र हंगामेदार होने की संभावना है, क्योंकि इंडिया बनाम भारत, एक देश-एक चुनाव, महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता समेत कई मुद्दों पर बड़ी बहस होने वाली है।
मुद्दों को दिया गया अंतिम रूप
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इंडिया गठबंधन के दलों के नेताओं की बैठक में संसद के विशेष सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को भी अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों ने कहा कि इन मुद्दों को सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी के जरिए सरकार को लिखित रूप में दिया जाएगा।
खरगे बोले- मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है बीजेपी
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और ना ही कोई जानकारी दी गई। यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है। हर दिन, मोदी सरकार एक संभावित एजेंडा की कहानी मीडिया में पेश करती है, जिससे लोगों पर बोझ डालने वाले मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक बहाना तैयार होता है। बीजेपी महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, चीन के अतिक्रमण, सीएजी रिपोर्ट, घोटाले जैसे मुद्दों से ध्यान हटाकर लोगों को धोखा देना चाहती है।
विशेष सत्र में इन प्रस्तावों पर हो सकती है चर्चा
संसद के विशेष सत्र में कोई भी विधेयक पेश नहीं होगा और ना ही जॉइंट सेशन बुलाया जाएगा। पांच दिन में 4-5 प्रस्ताव लाए जाएंगे, जिन पर चर्चा होकर उसे ध्वनिमत से पारित किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही सदनों की चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाए गए हैं, लिहाजा जॉइंट सेशन नहीं होगा। अगर जॉइंट सेशन होता तो लंबित पड़े किसी महत्वपूर्ण विधेयक जैसे महिला आरक्षण विधेयक या ‘एक देश एक चुनाव’ के पेश होने की संभावना बनती। सूत्रों का कहना है कि G-20, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, देश के तीसरी आर्थिक शक्ति बनने और इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल करने को लेकर मोदी सरकार प्रस्ताव पेश कर चर्चा के बाद उसे पारित करा सकती है।
महिला आरक्षण विधेयक पर प्रस्ताव संभव
विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के विधेयक को पास करने को विशेष सत्र का औचित्य नहीं है। यह विधेयक 2010 में राज्यसभा से पारित है। आम राय नहीं बनने से लोकसभा में नहीं लाया गया। लोकसभा में सरकार का बहुमत है, इसके लिए विशेष सत्र की जरूरत नहीं है। हालांकि, इसको लेकर विशेष सत्र में प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसमें सरकार कह सकती है कि यह सदन महिला आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित करती है। इससे विंटर सेशन या उसके आगे बजट सत्र में इसे पास कराने के लिए आम सहमति की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सदन इसके लिए विशेष सत्र में प्रस्ताव पारित कर चुका है। समान नागरिक संहिता को लेकर भी सरकार की तरफ से प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि, विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है।
‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर केंद्र ने बनाई कमेटी
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना तलाशने और सिफारिशों के लिए दो सितंबर को आठ सदस्यों वाली समिति बनाई है। जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं।
जयराम ने कहा- संसद में हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि पहले जब भी विशेष सत्र बुलाया गया, तब पार्टियों को मुद्दा बताया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम चाहते हैं सामाजिक मुद्दों, आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। हम हर सदन में मुद्दे उठाते हैं, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जाते है। इस विशेष सत्र में हम अपना मुद्दा रखना चाहेंगे।