महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में एक दिन में 31 लोगों की मौत, इसमें 15 नवजात, डीन बोले- दवाई और स्टाफ की कमी से जूझ रहा अस्पताल

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में एक दिन में 31 लोगों की मौत, इसमें 15 नवजात, डीन बोले- दवाई और स्टाफ की कमी से जूझ रहा अस्पताल

Mumbai. महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक राज्य संचालित अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 31 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। मरने वालों में 15 नवजात भी शामिल हैं। इसमें 6 लड़के और 6 लड़कियां हैं। 7 मरीजों की हालत गंभीर है। इस घटना से महाराष्ट्र का हेल्थ सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है। लोग लचर सरकारी तंत्र के इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। मालूम हो, इससे पहले ठाणे के एक अस्पताल में एक ही दिन में 18 मरीजों की मौत हुई थी।

दवाओं और स्टाफ की कमी से हुई मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है। अस्पताल के डीन ने इन मौतों का कारण दवाओं और स्टाफ की संख्या में कमी को बताया है।

ज्यादातर नवजात सांप के काटने से मरे

अस्पताल के डीन ने बताया कि ज्यादार नवजात सांप के काटने से मरे हैं। उन्होंने कहा- यहां दूर-दूर से मरीज आते हैं। कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और यह बजट के लिए समस्या पैदा कर देती है। अस्पताल के डीन ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 6 लड़के और 6 लड़कियों की मौत हुई है।

70 से 80 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र सरकारी अस्पताल

डीन ने कहा, अस्पताल से लगातार कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है, ऐसे में हमारे पास स्टाफ की कमी है। हम थर्ड लेवल के देखभाल केंद्र हैं और 70 से 80 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र सरकारी अस्पताल हैं। इसलिए दूर-दूर से मरीज हमारे पास आते हैं। कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और यह बजट के लिए समस्या पैदा कर देती है। डीन ने बताया कि हमें हाफकिन नाम के एक संस्थान से दवाइयां खरीदनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए हमने स्थानीय स्तर पर दवाएं खरीदीं और मरीजों को मुहैया कराईं।

दवाओं की कमी से जूझ रहे कई अस्पताल

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के कई सरकारी अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। मरीजों को समय पर दवा नहीं मिलने से उनकी जान जा रही है। कुछ रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि दवा सप्लाई करने वाली कंपनी हाफकिन इंस्टीट्यूट से कई अस्पतालों ने खरीद बंद कर दी है, जिसके कारण राज्य के कई अस्पताल दवा की कमी से जूझ रहे हैं।

सियासत : सुप्रिया सुले ने संबंधित मंत्री का इस्तीफा मांगा

एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने 22 की मौत के लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में हुई मौतें कोई संयोग नहीं हैं। इनकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के लोगों की जान इतनी सस्ती हो गई है। यह देरी और लापरवाही का मामला है। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य के संबंधित मंत्री का इस्तीफा भी लिया जाना चाहिए। साथ ही सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।

ठाणे के अस्पताल में 48 घंटों में 18 की हुई थी मौत

कुछ समय पहले महाराष्ट्र के ठाणे में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 48 घंटे में 18 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें 10 महिलाएं और 8 पुरुष थे। नगर निगम आयुक्त अभिजीत बांगर ने बताया- कुछ मरीज पहले से ही किडनी, निमोनिया, लकवा जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे।


महाराष्ट्र न्यूज 24 deaths in Maharashtra govt hospital govt hospital in distress resignation sought from Maharashtra Health Minister news of Maharashtra महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में 24 की मौतें सरकारी अस्पताल बेहाल महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा