DELHI. पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से 29 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके साथ ही 5 किलो सोना भी बरामद किया गया है। ईडी को नोट गिनने के लिए 3 मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ा। अर्पिता का ये दूसरा फ्लैट कोलकाता के बेलघरिया टाउन क्लब में है। इससे पहले अर्पिता मुखर्जी के एक फ्लैट से 22 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली थी और महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे थे।
18 घंटे चली ED की रेड
पश्चिम बंगाल के शिक्षक घोटाले में अर्पिता मुखर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ED ने अर्पिता के दूसरे फ्लैट पर छापा मारा। 18 घंटे तक चली ED की रेड में अर्पिता के फ्लैट से 29 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो सोना मिला है। 23 जुलाई को ED ने मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता के ठिकानों पर छापा मारा था। अर्पिता के फ्लैट से 22 करोड़ रुपए और 1 करोड़ की ज्वेलरी बरामद की गई थी। फ्लैट से एजेंसी के डॉक्यूमेंट मिले थे, इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई थी।
अर्पिता मुखर्जी ने नहीं भरा फ्लैट का मेंटेनेंस चार्ज
अब तक हुई कार्रवाई में अर्पिता मुखर्जी के दोनों फ्लैट से 50 करोड़ से ज्यादा कैश और भारी मात्रा में सोना बरामद हुआ है। ED ने अर्पिता के एक फ्लैट को सील कर दिया है। इसकी वजह फ्लैट का मेंटेनेंस चार्ज नहीं चुकाना बताई गई। अर्पिता मुखर्जी ने फ्लैट का 11 हजार 819 रुपए मेंटेनेंस चार्ज नहीं भरा है। उनके फ्लैट के बाहर इसका नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है।
अर्पिता के घर से मिलीं 3 डायरी
सूत्रों के मुताबिक अर्पिता के घर से कुल तीन डायरियां मिली हैं। ईडी सूत्रों का दावा है कि इन डायरियों में कई जगह सांकेतिक भाषा में बहुत कुछ लिखा गया है। पूछताछ के दौरान ईडी इन सांकेतिक भाषाओं को समझने का प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि इन सांकेतिक भाषा में उन अदृश्य हाथों का भी जिक्र है, जिन तक घोटाले का पैसा पहुंचा है। सूत्रों के मुताबिक ईडी पूछताछ के दौरान इन सांकेतिक भाषाओं को समझकर उन अदृश्य हाथों तक प्रयास करेगी।
अर्पिता का कबूलनामा, पार्थ की चुनौती
पार्थ चटर्जी की मुसीबत इसलिए भी ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि पूछताछ में अर्पिता ये स्वीकार कर चुकी हैं कि घर में बरामद हुआ कैश पार्थ का है। यहां तक दावा हुआ है कि पैसों को अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में लगाने की योजना थी। नकद राशि भी एक-दो दिन में उसके घर से बाहर ले जाने की तैयारी थी। लेकिन ये सब हो पाता, उससे पहले ही ईडी ने नोटों के उस पहाड़ को अपने कब्जे में ले लिया और इस घोटाले में कई बड़े नाटकीय मोड़ आ गए। अभी के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को इस घोटाले से पूरी तरह अलग कर लिया है। वे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कर रही हैं लेकिन पार्थ चटर्जी को लेकर कोई बयान नहीं दे रहीं हैं।