NEW DELHI. कहते हैं कि राजनीति अपार संभावनाओं का खेल है, कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव यही साबित कर रहा है। आज यानी 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है। 3 दिन में कहानी 3 बार बदल गई। 28 सितंबर की सुबह तक यही तय माना जा रहा था कि अशोक गहलोत पर्चा भरेंगे। उनके मुख्यमंत्री रहने को लेकर विवाद हो गया था, इस पर कांग्रेस में चर्चाएं जारी थीं। 28 सितंबर की रात अचानक दिग्विजय सिंह केरल से भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर दिल्ली रवाना होते हैं। अगले दिन यानी 29 सितंबर को उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरूंगा। 30 सितंबर की सुबह फिर कहानी पलट गई। सुबह दिग्विजय, मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे। इसके साथ ही कयासों का बाजार गर्म हो गया। कमलनाथ ने कन्फर्म किया कि दिग्विजय नामांकन करने नहीं जा रहे। मल्लिकार्जुन खड़गे नॉमिनेशन करेंगे। नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है। 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को नतीजे का ऐलान होगा।
दिग्विजय बोले- खड़गे जी का प्रस्तावक बनूंगा
दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में अपने आवास पर मीडिया से कहा- मैं हमेशा कांग्रेस के लिए काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। तीन चीजों से कभी समझौता नहीं करूंगा- दलित, आदिवासी और गरीब। जो लोग सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में लगे रहते हैं, उनके खिलाफ लड़ता रहूंगा। कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार में मेरी प्रतिबद्धता बनी रहेगी। खड़गे जी मेरे वरिष्ठ हैं। मैं कल उनके घर गया था। मैंने उनसे कहा कि अगर वे नॉमिनेशन फाइल कर रहे हैं तो मैं नहीं करूंगा। तब उन्होंने कहा कि वे नामांकन नहीं कर रहे। इसके बाद मुझे प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही पता चला कि वे नॉमिनेशन फाइल कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि अपने स्टैंड पर कायम हूं। उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकता। मैं उनका प्रस्तावक करूंगा।
थरूर भी भरेंगे पर्चा
इस बीच शशि थरूर का भी नामांकन करना तय हो गया है। इससे पहले 30 सितंबर को वे महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि रेस में एंट्री हो गई है। आपको पता है कि नतीजा अनिश्चित है, मैं अपने भरोसे के साथ आगे बढ़ूंगा। जैसे ही खड़गे की अध्यक्ष पद का चुनाव की लड़ने की बात की पुष्टि हुई, उत्तर प्रदेश वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने उनका प्रस्तावक बनने की बात कही। उधर, झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी भी अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन करेंगे। उन्होंने कहा- सोनिया और राहुल ने किसी को चुनाव लड़ने को नहीं कहा और ना ही रोका। देखते हैं कि पार्टी क्या चाहती है।
दिग्विजय के लिए लामबंदी
जानकारी के मुताबिक, दिग्विजय सिंह ने 10 नामांकन फॉर्म लिए हैं। माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के किनारे हटने के बाद दिग्विजय ही पार्टी का चेहरा होंगे। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर उनकी गांधी परिवार के किसी सदस्य से कोई चर्चा हुई है। अगर दिग्विजय चुनाव जीतते हैं तो मध्य प्रदेश से कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष होंगे। दिग्विजय से पहले मध्य प्रदेश से शंकर दयाल शर्मा (1972-74) कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे। वहीं, मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि वह दिग्विजय सिंह का प्रस्तावक बनने के लिए दिल्ली जाएंगे। प्रदेश से 10 विधायक उनके प्रस्तावक बनने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
गहलोत के हटने के बाद समीकरण बदले
बीते कुछ दिनों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की गहमागहमी मची थी। उनके मुख्यमंत्री पद से हटने की खबरों पर राजस्थान के विधायकों ने बवाल कर दिया। गहलोत समर्थक विधायकों की जमकर बयानबाजी हुई। 28 सितंबर की रात से कहानी बदल गई। इसी दिन रात को दिग्विजय सिंह अचानक केरल से दिल्ली के निकल पड़े। वे वहां राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थे। 29 सितंबर को दिग्विजय ने ऐलान किया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने जा रहे हैं। 29 सितंबर को ही गहलोत दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। उनके पास एक चिट्ठी थी, जिसमें लिखा था- बीते दिनों हुए घटनाक्रम से बहुत आहत हूं। बाद में मीडिया के साथ चर्चा में बताया कि मैंने सोनिया जी से माफी मांग ली है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ रहा। मैं मुख्यमंत्री रहूंगा या नहीं, इसका फैसला सोनिया गांधी ही करेंगी।
G-23 खेमे के नेताओं ने भी की बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की हलचल के बीच कांग्रेस के जी-23 खेमे (कांग्रेस में बदलाव की मांग करने वाले नेता) के नेताओं ने भी 29 सितंबर को बैठक की। ये बैठक आनंद शर्मा के आवास पर हुई। इस बैठक में मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई नेता शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि जी-23 खेमा भी अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार उतार सकता है। 30 सितंबर को जी-23 ग्रुप ने एक और बैठक बुलाई है।