Imphal. मणिपुर में हिंसा की ऐसी आग लगी है, जो पांच महीने बाद भी नहीं बुझ सकी। राज्य में मंगलवार (26 सितंबर) को फिर हिंसा भड़क उठी। इंफाल घाटी में अज्ञात हमलावरों द्वारा दो छात्रों की हत्या के विरोध में इंफाल में सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लड़कियों सहित 34 विद्यार्थी घायल हो गए। हालात बिगड़ते को देखते हुए मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया। दूसरी ओर, हिंसा को लेकर कांग्रेस राज्य और मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए।
राज्य सरकार ने की लोगों से संयम बरतने की अपील
मणिपुर सरकार ने मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाएं, इंटरनेट/डेटा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से एक अक्टूबर 2023 की शाम 7:45 बजे तक निलंबित करने का निर्णय लिया है। दोनों छात्रों के शवों की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों छात्र सड़कों पर एकत्र हो गए हैं। राज्य सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को पूरे मामले की जांच करने देने की अपील की है। सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया कि अपहरण और हत्या में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी हिंसा नहीं थम रही है। कई इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले में पर केंद्र सरकार नजर रख रही है।
सीएम के बंगले की ओर जा रहे छात्रों को रोका तो मामला बिगड़ा
इंफाल पुलिस के अनुसार, आंदोलनकारी छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प तब हुई, जब छात्रों को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बंगले की ओर मार्च करने से रोका गया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। घायल छात्रों को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
दो छात्रों की हत्या
मणिपुर में जातीय हिंसा चरम पर पहुंचने पर छह जुलाई को 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत का अपहरण किया गया था। उनके परिवारों को संदेह है कि उन्हें सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है।
छात्रों की हत्या का मामला सीबीआइ को सौंपा
मणिपुर सरकार ने छात्रों की हत्या का मामला सीबीआइ को सौंप दिया है। सुरक्षा बलों ने भी अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने और अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से मामले की जांच कर रही है।
प्रियंका ने कहा- केंद्र को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए
मणिपुरम में फिर हिंसा भड़ने पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मणिपुर में बच्चे जातीय हिंसा के सबसे कमजोर शिकार हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करें। मणिपुर में हो रहे अपराध शब्दों से परे हैं, फिर भी राज्य में अपराधों को बिना किसी रोक टोक के जारी रहने दिया जा रहा है। केंद्र को अपनी निष्क्रियता पर शर्म आनी चाहिए। मामले में सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है।