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DEHRADUN. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे टनल धंस के बाद से सबसे बड़ा रेस्क्यू जारी है। पिछले 76 घंटे से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन, खाना-पानी और दवाई पहुंचाई जा रही है। बुधवार (15 नवंबर) को सेना की हैवी मशीन से ड्रिलिंग होगी। बढ़ती मुश्किलों के चलते दिल्ली मेट्रो, नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट से मदद मांगी जा रही है। संभावना है कि आज सभी मजदूर सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे।
200 लोगों की टीम 24 घंटे कर रही काम
फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रहे हैं।
अब तक नहीं मिली सफलता
रेस्क्यू टीम ने मंगलवार को स्टील पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने की प्रोसेस शुरू की। इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक की मदद से 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई। हालांकि इसमें सफलता नहीं मिली।
थाईलैंड और नॉर्वे के अंतरराष्ट्रीय संगठनों के संपर्क में
रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाल रहे अफसरों ने अब विशेषज्ञों की सलाह ली है। अब तक दिल्ली मेट्रो, नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट से बातचीत की गई और मदद मांगी गई है। बचाव दल इस समय थाईलैंड और नॉर्वे के अंतरराष्ट्रीय संगठनों के संपर्क में हैं। उनसे टनल से रेक्स्यू करने के बारे में अनुभव की जानकारी ली जा रही है।
ऑपरेशन में सेना को किया शामिल
रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) ने इसके बाद सेना को इसमें शामिल किया। अब सेना अपनी हैवी मशीन से ड्रिलिंग का काम करेगी। सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस बुधवार (15 नवंबर) को मशीन लेकर चिन्यालीसौड हैलिपेड पहुंचा। यहां से मशीन को सिलक्यारा लाया जाएगा।
टनल के बाहर प्रदर्शन, पुलिस से झड़प
बुधवार सुबह टनल के बाहर कुछ मजदूरों और भीतर फंसे मजदूरों के परिवार के साथ पुलिस की झड़प हो गई। ये रेस्क्यू ऑपरेशन में हो रही देरी से नाराज हैं। इनकी मांग थी कि प्रशासन हमें टनल के अंदर जाने दें, हम फंसे हुए अपने साथियों को निकाल लाएंगे। जिस स्टील के पाइप के जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा, उसकी लंबाई के बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। टनल के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरा है।
फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के
स्टेट डिजाजस्टर मैनेजमेंट के मुताबिक, टनल के अंदर झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है। बचाव कार्य देखने पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया- सभी मजदूर सुरक्षित हैं, उनसे वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क किया गया है। खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है।
घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई गई
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है।