Uttarkashi. उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल से बड़ी राहत की खबर आई है। टनल में 12 दिन से फंसे 41 मजदूर आज (23 नवंबर) कुछ ही घंटों में बाहर आ सकते हैं। यह सब बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की वजह से संभव हुआ है। टनल के एंट्री पॉइंट से अमेरिकी ऑगर मशीन जल्द ही 60 मीटर तक ड्रिल कर देगी। टनल के अंदर आखिरी 800 एमएम (करीब 32 इंच) का पाइप डाला जा रहा है। बुधवार (22 नवंबर) की रात में जब 10 मीटर की ड्रिलिंग बची थी। इस बीच आगर मशीन के सामने सरिया (लोहे की दीवार) आ गया था। NDRF की टीम ने रात में सरिया को काटकर अलग कर दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है, उम्मीद है 1-2 घंटे में मजदूर बाहर आ जाएंगे।
NDRF की 15 सदस्यीय टीम तैयार
ड्रिलिंग कंप्लीट होने पर एनडीआरएफ (NDRF) की 15 सदस्यीय टीम हेलमेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, गैस कटर के साथ 800 एमएम की पाइपलाइन से अंदर जाएगी। अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर के हालात और मौसम के बारे में बताया जाएगा। डॉक्टरों का कहना है, चूंकि टनल के अंदर और बाहर के तापमान में काफी अंतर होगा, इसलिए मजदूरों को तुरंत बाहर नहीं लाया जाएगा।
अब क्या होगा आगे?
- मजदूरों को कमजोरी महसूस होने पर एनडीआरएफ की टीम उन्हें पाइपलाइन में स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर खींचकर निकालेगी।
- इसके बाद 41 मजदूरों को एंबुलेंस में चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा।
- स्वास्थ्य केंद्र में 41 बेड का हॉस्पिटल रेडी किए गए हैं।
- चिल्यानीसौड़ पहुंचने में करीब 1 घंटा लगेगा, जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है।
- जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा।
अल सुबह की हलचल : आखिरी चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन
6:09 बजे सुबह : उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्य गिरीश सिंह रावत ने कहा, रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है। पाइपलाइन ड्रिलिंग में जो दिक्कत आई थी उसे दूर कर लिया गया है। मलबे में फसे स्टील के टुकड़ों को काटकर निकाल लिया गया है। पाइपलाइन डालने की प्रक्रिया चल रही है।
मंत्रालय मप्र समेत देशभर की 29 टनल का सेफ्टी रिव्यू कराएगा
उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है। इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है। NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में 12, जम्मू-कश्मीर में 6, महाराष्ट्र, ओडिशा व राजस्थान में 2-2 और मप्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और दिल्ली में एक-एक टनल बनाई जा रही है।