IIT और NIT ने 4 साल के टीचर एजुकेशन प्रोग्राम बनाए, अलग-अलग तरह के बीएड कोर्स डिजाइन किए, जानें क्या है मकसद और कब तक करें अप्लाई

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Pratibha Rana
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IIT और NIT ने 4 साल के टीचर एजुकेशन प्रोग्राम बनाए, अलग-अलग तरह के बीएड कोर्स डिजाइन किए, जानें क्या है मकसद और कब तक करें अप्लाई

New Delhi. यदि आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं तो अब आप 12वीं के बाद ही अपने इस सपने को पूरा कर सकेंगे। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने इस शैक्षणिक सत्र से IIT और NIT जैसे देश के 42 टॉप सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों से एक नए चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की शुरुआत की है। इसके तहत स्कूली शिक्षा के चारों स्टेज ( फाउंडेशनल, प्रीपेटरी, मिडिल और सेकंडरी) के लिए अलग-अलग बीएड कोर्स डिजाइन किए गए हैं। इनमें बीए-बीएड, बीएससी- बीएड व बीकॉम- बीएड जैसे कोर्स शामिल है।



IIT और NIT से होगी कोर्स की शुरुआत



इन कोर्सों के पीछे उद्देश्य स्कूली शिक्षा के प्रत्येक स्तर के लिए विशेषज्ञ शिक्षक तैयार करना है। अभी देश में सिर्फ एक ही तरह की बीएड कोर्स होता है। फिलहाल इन बीएड कोर्सों को देश के जिन शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों से शुरू किया जा रहा है, उनमें आईआईटी और एनआईटी भी शामिल है। इस प्रोग्राम के तहत फाउंडेशन स्टेज का बीएड कोर्स करने वाले शिक्षक दूसरी कक्षा तक के छात्रों को पढ़ा सकेंगे, जबकि प्रीपेटरी स्टेज का बीएड कोर्स करने वाले तीसरी से पांचवीं तक, मिडिल स्टेज का बीएड कोर्स करने वाले शिक्षक छठवीं से आठवीं तक और सेकंडरी स्टेज का बीएड कोर्स करने वाले नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ा सकेंगे।



एनटीए ने जारी की अधिसूचना



इस बीच इन कोर्सों में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एक डीटेल नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। इसके तहत इन कोर्सों में दाखिला नेशनल कामन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए दिया जाएगा। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया 26 जून यानी सोमवार रात से शुरू कर दी गई है। इसके लिए 18 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे।



178 शहरों में 13 भाषाओं में आयोजित होगी परीक्षा



परीक्षा की तारीख का अभी ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि जुलाई के अंतिम हफ्ते में आयोजित हो सकती है, वहीं यह परीक्षा सीयूईटी की तरह कंप्यूटर आधारित होगी, जो देश के करीब 178 शहरों में और 13 भाषाओं में आयोजित होगी। फिलहाल शैक्षणिक सत्र- 2023-24 के लिए चुने गए 42 संस्थानों में करीब चार हजार सीटें इसके लिए सृजित की गई है। इनमें आईआईटी खडगपुर, आईआईटी भुवनेश्वर के साथ एनआईटी अगरतला, एनआईटी कालीकट, एनआईटी वारंगल और एनआईटी पुंडुचेरी भी शामिल है।



बड़ी संख्या में संस्थानों ने कोर्स शुरू करने की दी अनुमति 



इन सभी संस्थानों को सिर्फ बीएससी-बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई है। इस कोर्स को शुरू करने के लिए वैसे तो बड़ी संख्या में संस्थानों ने रुचि जताई थी, लेकिन एनसीटीई ने सिर्फ सरकारी और शीर्ष रैंकिंग वाले संस्थानों को ही इसकी अनुमति दी है। एनसीटीई की मानें तो यह पहल शिक्षक पेशे की प्रतिष्ठा को एक नई ऊंचाई देने के लिए की गई है। गौरतलब है कि आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थान अभी सिर्फ तकनीकी शिक्षा के लिए पहचाने जाते हैं।



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टेस्ट में पूछे जाएंगे 160 सवाल  



एनटीए के मुताबिक चार वर्षीय इंट्रीग्रेटेड बीएड कोर्सों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में कुल 160 सवाल पूछे जाएंगे। इनमें 40 सवाल भाषा से संबंधित, 25-25 सवाल चयनित किए गए तीन विषयों से, 25 सवाल जनरल टेस्ट और 20 सवाल टीचिंग एप्टीट्यूट के होंगे।



2030 के बाद स्कूलों में इन्हीं शिक्षकों की होगी भर्ती



IIT और NIT जैसे शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों से शुरू होने वाले इस चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की अहमियत इसलिए भी है, क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में 2030 के बाद इन्हीं शिक्षकों को ही नियुक्ति दी जाएगी। ऐसे में आने वाले दिनों में इस कोर्स को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। फिलहाल इस साल इस कोर्स को 42 संस्थानों से शुरू किया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इसे और भी संस्थानों से शुरू करने की अनुमति भी दी जाएगी। एनसीटीई ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।


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