LUCKNOW. उत्तरप्रदेश के बाहुबली और 40 साल से अपराध की दुनिया में अपना नाम जमाए बैठे मुख्तार अंसारी को अब हो सकता है जेल से कभी रिहाई ही न मिले। कोर्ट ने मुख्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। देश के कानून को सालों तक खिलौना समझने वाले, और हर अपराध को अंजाम देकर सजा से बच जाने वाले मुख्तार अंसारी के लिए अब बाहर निकलने के रास्ते धीरे-धीरे बंद होते जा रहे हैं। मुख्तार को 32 साल बाद अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मिली है। वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट में उम्रकैद की सजा का ऐलान होते ही मुख्तार बेचैन हो गया और सिर पर हाथ रखकर बैठ गया।
अंसारी परिवार को इस बार नहीं मिला कानून से खेलने का मौका
तारीख थी 3 अगस्त साल था 1991 जब कांग्रेस नेता अवधेश राय की गोली मारकर हत्या हुई थी। ऐसा कहते हैं कि इस मामले में दोषी करार हुए मुख्तार ने खुद को बचाने के लिए केस डायरी तक गायब करा दी थी। लेकिन अब 32 साल बाद फैसला आया तो इंसाफ आखिर हो ही गया। मुख्तार अंसारी को सजा इसलिए हो सकी है, क्योंकि वो कानून से खिलवाड़ नहीं कर पा रहा है। ना गवाहों को डरा पा रहा। और ना तेजी से होते ट्रायल को रोक पा रहा है। मुख्तार का सांसद भाई अफजाल भी सजा पा चुका है और विधायक बेटा अब्बास अंसारी पहले से कासगंज जेल में बंद है। वहीं दूसरे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ कानून का शिकंजा कसा हुआ है। साथ ही पत्नी अफसा अंसारी फरार चल रही है। अब मुख्तार अंसारी को सपरिवार कानून से खेलने का मौका नहीं मिल रहा।
अंसारी परिवार पर दर्ज हैं 97 मामले
आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी समेत उसके परिवार पर 97 केस दर्ज हैं। अकेले मुख्तार अंसारी पर हत्या के 8 मुकदमे समेत 61 मामले दर्ज हैं और मुख्तार बांदा जेल में बंद है। अफजाल अंसारी पर 7 मामले, भाई सिगबतुल्लाह अंसारी पर 3 केस, मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी पर 11 मुकदमे, बेटे अब्बास अंसारी पर 8 तो छोटे बेटे उमर अंसारी पर 6 केस दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी की बहू निखत पर 1 मुकदमा दर्ज है।
मुख्तार को 6 मामलों सजा, 22 मामले विचारधीन
40 सालों से अपराध का पर्याय बना मुख्तार को पहली सजा पिछले साल सितंबर में योगीराज में ही सुनाई गई थी। पिछले सात महीने में 6 मामलों में अब तक मुख्तार अंसारी सजा पा चुका है, क्योंकि सरकार और पुलिस अब गवाहों को डरने नहीं देती और मामलों में तेजी से ट्रायल पूरा हो रहा है।. मुख्तार पर 61 मुकदमों दर्ज हैं। अभी 22 मुकदमे विचाराधीन हैं, जिनमें से 8 मामलों में मुख्तार अंसारी पर आरोप तय हो चुके हैं।
32 साल बाद मिली सजा
मुख्तार को आज (5 जून) को जिस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, वो मामला साल 1991 का है। वाराणसी के चेतगंज थाना इलाके के लहुराबीर इलाके के रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय 3 अगस्त 1991 को अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। इसी बीच वैन से पहुंचे बदमाशों ने अवधेश को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। वैन सवार बदमाशों ने अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अवधेश राय के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने इस घटना को लेकर वाराणसी के चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अजय राय ने अपने भाई की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगाया था। अवधेश राय हत्याकांड में पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश श्रीवास्तव उर्फ राकेश न्यायिक को भी आरोपी बनाया गया था।
दिल्ली की टाडा कोर्ट ने सुनाई थी सजा
जिन 6 केस में योगी सरकार मुख्तार को सजा की दहलीज तक ले जा पाई,उनमें पांच साल से लेकर दस साल तक की सजा के बाद पहली बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली है। इससे पहले गाजीपुर, लखनऊ और वाराणसी के ही 5 मामलों में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई थी। 2003 में मुख्तार अंसारी को दिल्ली की टाडा कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी।
586 करोड़ की हो चुकी है जब्त
मुख्तार अंसारी गैंग के 288 सदस्यों पर अब तक 155 FIR दर्ज की गई हैं और इनमें से 202 गिरफ्तार भी किया गए हैं। 6 के खिलाफ NSA की कारवाई की गई है। 156 के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई है। अब तक मुख्तार अंसारी की 586 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है और 2100 करोड़ से अधिक की आय का अवैध कारोबार बंद किया जा चुका है।
जानिए कौन है मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी का गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को पैदा हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है। 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। गांधीजी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे।