KULLU. हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर लगातार रौद्र रूप दिखा रहा है। आज सुबह ही कुल्लू बस स्टैंड के पास एक के बाद एक 7 इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। गनीमत यही रही कि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ क्योंकि प्रशासन ने इन इमारतों को पहले ही खाली करा लिया था। हालांकि अभी भी घटनास्थल पर मौजूद 2-3 इमारतों के ढहने का अंदेशा है। जिसके चलते इलाके में लोगों का आना जाना बंद करा दिया गया है। उधर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि अगले 4 दिन तक हिमाचल समेत अन्य राज्यों में भारी बारिश की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में चंद सेकंड में ढह गई इमारतें...
.
.#TheSootr #HimachalPradesh #BuildingsCollapse #KulluLandslide #Kullu pic.twitter.com/aUHpKO5tJp
— TheSootr (@TheSootr) August 24, 2023
सैकड़ों सड़कें भूस्खलन से ब्लॉक
इधर हिमाचल प्रदेश में मौसम के कहर के चलते भूस्खलन के चलते सैकड़ों सड़कें ब्लॉक हो चुकी हैं। बीते कई सालों में तबाही का ऐसा मंजर देखने को नहीं मिला था। हालात इतने खराब हैं कि भारी बारिश के कारण कुल्लू-मनाली का हाईवे भी बंद कर दिया गया है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने शिमला, मंडी और सोलन जिलों के स्कूल-कॉलेज बंद करा दिए हैं।
- यह भी पढ़ें
इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने हिमाचल के अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। दिल्ली, मध्यप्रदेश और राजस्थान में मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इधर यूपी के 11 जिलों में एक दिन पहले तेज बारिश हुई। यहां बारिश के कारण हुई घटनाओं में 8 लोगों ने जान भी गंवाई है। उधर कानपुर में गंगा नदी का पानी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रहा है। जिस कारण 11 गांवों में गंगा नदी के पानी ने तबाही मचा रखी है।
लगातार फट रहे बादल
हिमाचल प्रदेश में लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। मंडी जिले में ही दो बार बादल फटा है। सोलन, शिमला और मनाली में बदतर हालात हैं। एक ही रात में काफी तेज बारिश दर्ज की गई है। शिमला में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो चुकी है। ज्यादातर मौतें भूस्खलन की वजह से हुई है।
ब्यास नदी के आसपास बंद किए जाएंगे स्टोन क्रेशर
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बारिश के बाद मची तबाही को देखते हुए ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों के आसपास स्टोन क्रेशर को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। सीएम ने कहा कि मानसून के दौरान पारिस्थितिकी में खतरनाक परिवर्तनों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। दरअसल ब्यास और उसकी सहायक नदियों ने हिमाचल में भारी तबाही मचा रखी है।