JEHANABAD: कांवड़ में माता-पिता को बैठाकर बाबा बैद्यनाथ का जलाभषेक करेंगे आधुनिक श्रवण कुमार, पत्नी-बच्चों का भी बराबर सहयोग

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The Sootr CG
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JEHANABAD: कांवड़ में माता-पिता को बैठाकर बाबा बैद्यनाथ का जलाभषेक करेंगे आधुनिक श्रवण कुमार, पत्नी-बच्चों का भी बराबर सहयोग

JEHANABAD. आपने श्रवण कुमार की कहानी तो सुनी ही होगी। वही कहानी जिसमें श्रवण अपने माता-पिता को कांवण पर बैठाकर यात्रा कराता है। आज की कहानी भी उसी श्रवण कुमार से प्रेरित है। बिहार के चंदन कुमार भी श्रवण कुमार की तरह कांवड़ में अपने माता-पिता को बैठाकर दे‌वघर के लिए निकले हैं। देवघर तक की यह यात्रा 105 किलोमीटर की है। चंदन की इस यात्रा में उनकी पत्नी और 2 बच्चे भी साथ हैं। सुल्तानगंज गंगा घाट से जल लेकर वो परिवार के साथ बाबा बैद्यनाथ मंदिर के लिए निकले हैं। दोनों को देखने लोगों की भीड़ उमड़ गई।




— TheSootr (@TheSootr) July 18, 2022



चंदन कुमार और रानी देवी (पत्नी) जहानाबाद के थाना घोषी के बीरपुर के रहने वाले हैं। ये अपने माता पिता को लेकर बहंगी पर बैठा बाबाधाम की यात्रा पर निकले हैं। 17 जुलाई को सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर के लिए चले गए। चंदन कुमार ने बताया कि हम हर महीने सत्यनारायण का व्रत और पूजा करते हैं। ऐसे में लगा कि बाबाधाम की यात्रा पैदल करनी चाहए। लेकिन माता और पिताजी वृद्ध हैं और उनका 105 किलोमीटर का यह सफर पैदल करना मुमकिन नहीं था।



चंदन कुमार के मुताबिक, मैंने अपनी पत्नी रानी देवी को बताया तो उसने मेरा सहयोग किया। इसके बाद मैंने निर्णय लिया कि मैं माता-पिता को बहंगी में बैठाकर अपने कंधे के बल पर इस यात्रा को पूरा करूंगा। इसी विचार के साथ चंदन ने एक मजबूत कांवड़ बनवाया जो माता-पिता का वजन सहन कर सके और इस यात्रा को सफल बना सके।


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