सीधी. पत्रकार केस में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस मामले में जांच और कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी मध्यप्रदेश सरकार से पत्रकारों के लिए न्याय की मांग की है। पत्रकारों को थाने में अर्धनग्न करने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मध्यप्रदेश के डीजीपी और रीवा के आईजी से एक हफ्ते के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। सीधी में पत्रकारों के साथ पुलिस ने अभद्र बर्ताव किया था।
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सीधी में पत्रकारों से पुलिस हिरासत में दुर्व्यवहार के मामले में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जांच एवं कार्यवाही के लिए लिखा पत्र।#MadhyaPradesh #SaveJournalism @IndEditorsGuild @ChouhanShivraj @drnarottammisra @digvijaya_28 @BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/YdVmkrQAng
— TheSootr (@TheSootr) April 8, 2022
कोतवाली और अमिलिया टीआई निलंबित, जांच जारी
इस मामले में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने संज्ञान लिया और रेडियो एसपी अमित सिंह को जांच अधिकारी बनाया। वे सीधी में पूरे मामले की जांच करेंगे। इसके बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना को रिपोर्ट करेंगे। पूरे मामले में डीजीपी के निर्देश के बाद कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी और अमिलिया के थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।
सीधी में श्रमजीवी पत्रकारों ने की मांग
मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ की सीधी इकाई ने पत्रकार केस में उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने अध्यक्ष हरीश मिश्रा के नेतृत्व में मुजीबुर्रहान खान और एसपी मुकेश कुमार श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपे और घटना की निंदा की। पत्रकारों ने जांच में सीधी के वरिष्ठ पत्रकार को शामिल करने की मांग की है, जिससे घटना की निष्पक्ष जांच हो सके।
पत्रकारों के साथ पुलिस ने किया था अभद्र व्यवहार
7 अप्रैल को धरना दे रहे पत्रकार और रंगमंच के कलाकारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके साथ मारपीट की थी और अर्धनग्न करके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था।
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