MUMBAI. गुजरात दंगे (2002) के मामले में गुजरात ATS ने 25 जून को एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार को हिरासत (Detain) में लिया। सीतलवाड़ को उनके मुंबई के घर से हिरासत में लिया गया। उन्हें सांताक्रूज पुलिस स्टेशन लाया गया था। इसके बाद गुजरात ATS उन्हें अहमदाबाद ले गई।
गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व IPS संजीव भट्ट और गुजरात के पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार के खिलाफ फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर साजिश रचने का केस दर्ज किया है। संजीव भट्ट पहले से जेल में हैं, जबकि तीस्ता और श्रीकुमार को अब हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, गुजरात पुलिस ने तीस्ता के खिलाफ 25 जून को ही FIR फाइल की।
#WATCH Mumbai: Gujarat ATS leaves Santacruz police station after detaining Teesta Setalvad pic.twitter.com/7qmyfIeyj5
— ANI (@ANI) June 25, 2022
तीस्ता की भूमिका की जांच हो- SC
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे केस में तब (2002) मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को 24 जून को खारिज कर दिया था। यह याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले में सहयाचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी।
शाह बोले- तीस्ता के NGO ने गलत जानकारी दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में तीस्ता सीतलवाड़ के NGO को गुजरात दंगों के बारे में निराधार जानकारी देने के लिए फटकार लगाई। शाह ने उनके NGO की मदद करने के लिए UPA सरकार को भी आड़े हाथ लिया। दंगों की जांच में NGO की भूमिका पर गृह मंत्री बोले, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थीं। इस NGO ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर दस्तखत किए और उन्हें पता तक नहीं है। सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का NGO ये सब कर रहा था। उस समय की UPA सरकार ने NGO की बहुत मदद की।