Ayodhya: उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे आज अयोध्या के दौरे पर आ रहे हैं। वे अयोध्या में करीब छह घंटे रहेंगे। यह पूरी तरह से उनका धार्मिक कार्यक्रम है। आदित्य सबसे पहले रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद सरयू की महाआरती में शामिल होकर दुग्धाभिषेक करेंगे। शहर के इस्कान मंदिर में दर्शन-पूजन का भी उनका कार्यक्रम है। इस दौरे का विरोध भी शुरू हो गया है. महंत राजू दास ने इसे एक राजनीतिक दौरा करार दिया है।
शिवसेना (Shivsena) के हिंदुत्व (Hindutva) को लेकर उठ रहे सवाल के बीच आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) को अयोध्या (Ayodhya) भेजकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Maharashtra CM) उद्धव ठाकरे ने (Uddhav Thackeray) सियासी दांव खेला है। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा से पहले ही शिवसेना के कई नेता अयोध्या पहुंच चुके हैं। वे अयोध्या में करीब 6 घंटे रहेंगे। आदित्य ठाकरे के दौरे की तैयारी को लेकर शिवसेना के सांसद (Shivsena MP) संजय राउत (Sanjay Raut) पहले से ही अयोध्या में मौजूद हैं। संजय राउत ने बताया कि आदित्य ठाकरे का कार्यक्रम पूरी तरह से धार्मिक (Religious) है. इसे राजनीति (Politics) से ना जोड़ा जाए। साथ ही संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना का मानना है कि अयोध्या जाने से ऊर्जा मिलती है।
हिंदुत्व का एजेंडा
पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी भगवान राम का दर्शन करने अयोध्या आ चुके हैं। अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे 2018 से तीन बार अयोध्या जा चुके हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इसके पीछे शिवसेना का हिंदुत्व का एजेंडा भी हो सकता है।
आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा का कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं है। खुद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के पहले और बाद में अयोध्या आ चुके हैं। जहां एक तरफ आदित्य़ ठाकरे की अयोध्या दौरे की तैयारी पूरी हो चुकी है वहीं हनुमानगढ़ी के मंहत राजू दास ने दौरे का विरोध करने का ऐलान शिवसेना की मुश्किले बढ़ा दी हैं। राजू दास का कहना है कि वो इस दौरे का विरोध करेंगे। शिवसेना को घड़ियाली आंसू बहाने से कोई फायदा नहीं है. आदित्य ठाकरे का ये दौरा पूरी तरह से राजनीतिक है।
आदित्य ठाकरे का अयोध्या कार्यक्रम
- दोपहर 1:30 बजे अयोध्या पहुंचेंगे