New Delhi. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आदित्य-एल1 मिशन ने सौर अनुसंधान (सोलर रिसर्च) में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल1 के पेलोड HEL1OS ने सौर ज्वालाओं की पहली हाई एनर्जी एक्सरे झलक कैद की है। इसमें सूरज पर खौफनाक विस्फोट नजर आ रहे हैं।
आदित्य एल1 में HEL1OS क्या कर रहा है?
इसरो ने बताया, 27 अक्टूबर 2023 को कमीशन किया गया HEL1OS वर्तमान में थ्रेसहोल्ड और कैलिब्रेशन ऑपरेशंस की फाइन-ट्यूनिंग से गुजर रहा है। यह उपकरण तेज टाइमिंग और हाई-रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रा के साथ सूर्य की हाई-एनर्जी एक्स-रे गतिविधि की निगरानी करने के लिए सेट किया गया है।
जल्द ही एल-1 पर पहुंचेगा
कब तक मंजिल पर पहुंचेगा आदित्य-एल1?
इसरो के बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप ने HEL1OS को विकसित किया था। बता दें कि आदित्य-एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2 सितंबर को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी57) के जरिए लॉन्च किया गया था।लॉन्च किए जाने की तारीख से लगभग चार महीने में इसके एल1 (लैग्रेंज प्वाइंट 1) पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसरो के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल1’ को ‘सौर प्रज्वाल’ (सोलर फ्लेयर्स) की पहली उच्च ऊर्जा एक्स-रे झलक दिखाई दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि 29 अक्टूबर से अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान ‘आदित्य एल1’ अंतरिक्ष यान में लगे ‘हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर. (एचईएल1ओएस) ने सौर प्रज्वाल को रिकॉर्ड किया है।
अब आगे क्या तैयारी
इसरो के एक वैज्ञानिक ने बताया कि सौर प्रज्वाल की पहली उच्च ऊर्जा एक्स-रे झलक को दर्ज करना इस बात का संकेत है कि मिशन अब तक अपेक्षित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। 2 सितंबर, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए, आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य सूर्य की गतिशीलता और पृथ्वी की जलवायु पर इसके प्रभाव की व्यापक समझ हासिल करना है।