Bhopal. वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद(Varanasi Gyanvapi Mosque)में शिवलिंग को लेकर देश में बहस जारी है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बाद अब देश के अन्य शहरों में मस्जिदों में शिवलिंग(Shivling in mosques) होने को लेकर अब हिंदु संगठन(Hindu organization) अब मुखर होने लगे हैं। विशेष रूप से संस्कृति मंच(, sanskrti manch) इस दिशा में प्रयासरत है। इसी क्रम में अब भोपाल के चौक बाजार स्थित जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने के दावे और सर्वे की मांग अब फिर से जोर पकड़ने लगी है। इसे लेकर संस्कृति बचाओ मंच ने सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन(Senior Advocate Harishankar Jain) को दस्तावेज भेजने की तैयारी कर ली है। सीनियर एडवोकेट जैन पहले ही इस मामले में पैरवी करने की सहमति दे चुके हैं। नगर निकाय और पंचायत चुनाव के चलते संस्कृति मंच ने मामले को थोड़ी ढील दी थी। जैन ज्ञानवापी (काशी) मामले में हिंदुओं के पक्षकार हैं। उन्होंने जामा मस्जिद से जुड़े सभी दस्तावेज बुलवाए थे। इसके साथ राजनीति भी शुरू हो गई है। सीनियर एडवोकेट जैन ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू महासभा का प्रतिनिधित्व किया था। वे हिंदू/जैन देवी-देवताओं से जुड़े कम से कम 12 मुकदमों में वकील हैं। ज्ञानवापी मामले में भी वाराणसी के सिविल कोर्ट में हिंदू महिलाओं की तरफ से उन्होंने ही अर्जी लगाई थी। इसके चलते भोपाल जामा मस्जिद मामले में सर्वे की मांग उठाने वाले संस्कृति बचाओ मंच ने एडवोकेट जैन से संपर्क किया था। जून में वॉट्सएप के जरिए डॉक्यूमेंट भी भेजे गए थे। अब हार्डकॉपी भी पोस्ट से भेजी जा रही है।
ज्ञानवापी में बेटे के साथ पेश कर रहे दलील
एडवोकेट जैन के बेटे विष्णुशंकर जैन भी वकील हैं। दोनों पिता-पुत्र ज्ञानवापी मामले में कोर्ट में अपनी दलील पेश कर रहे हैं।
पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने की मांग
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि जामा मस्जिद मामले में दायर की जाने वाली पिटीशन को लेकर तैयारी पूरी है। वर्ष 1908 का नवाब कालीन गजेटियर भी एकत्रित कर लिया गया है। सीनियर एडवोकेट जैन को अभी वॉट्सएप के जरिए दस्तावेज भेजे हैं। वे मामले में पैरवी करेंगे। वहीं, पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय संस्कृति मंत्री, मप्र के राज्यपाल, मुख्यमंत्री से सर्वेक्षण कराकर इस स्थान को संरक्षित करने की मांग की है।
यह है मामला
उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी केस के बाद संस्कृति बचाओ मंच ने भोपाल की जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने का दावा किया है। इसके चलते यह मामला मई में सुर्खियों में आ गया था। मंच सर्वे करने की मांग करते हुए कोर्ट में पिटीशन लगाने की तैयारी कर रहा है। मंच के अध्यक्ष तिवारी के अनुसार, भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम ने 1832 से 1857 ई. के बीच ये मस्जिद बनवाई थी। इसका जिक्र उर्दू में लिखी उनकी 688 पेज की किताब 'हयाते कुदसी' में किया गया है। ये बुक हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ट्रांसलेट की गई है। इसमें भी मस्जिद में शिव मंदिर होना बताया है।