भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन G-20 सदस्य बना, मंजूरी मिलते ही अजाली असोमानी मोदी से गले मिले

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Rahul Garhwal
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भारत की पहल पर अफ्रीकन यूनियन G-20 सदस्य बना, मंजूरी मिलते ही अजाली असोमानी मोदी से गले मिले

NEW DELHI. शनिवार (9 सितंबर) से नई दिल्ली में 2 दिवसीय जी-20 समिट की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में हम मोरक्को के साथ हैं और लोगों की हरसंभव मदद करेंगे। समिट में मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर पीएम मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। अफ्रीकन यूनियन को G-20 की मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।

पीएम मोदी बोले- दुनिया में भरोसे का संकट पैदा हुआ

पीएम मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा कि संकट के इस समय में दुनिया हमसे नए समाधान मांग रही है। इसलिए हमें अपना हर दायित्व निभाते हुए आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है। यूक्रेन युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।

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21वीं सदी का ये वक्त पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम जिस जगह इकट्ठा हुए हैं, यहां कुछ किमी दूर ढाई हजार साल पुराना स्तंभ है। इस पर प्राकृत भाषा में लिखा है कि मानवता का कल्याण सदैव सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की धरती ने ये संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का ये वक्त पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

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सुनक को मोदी ने गले लगाया, बाइडन को कोणार्क चक्र की जानकारी दी

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार सुबह भारत मंडपम पहुंचे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को स्वागत किया। उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गले लगाया तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत मंडपम में बने कोणार्क चक्र के बारे में जानकारी दी।

जी-20 समिट की झलकियां

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी उद्घाटन सत्र से पहले भारत मंडपम पहुंचीं, जहां मोदी ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज की आंख पर लगी चोट को लेकर उनका हालचाल जाना।

मोदी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का गर्मजोशी से स्वागत किया, वे राष्ट्रपति पुतिन की जगह समिट में पहुंचे हैं।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया, वे राष्ट्रपति पुतिन की जगह समिट में पहुंचे हैं।

विदेशी राष्ट्र प्रमुखों को रिसीव करने के लिए मोदी सुबह ही भारत मंडपम पहुंच गए थे।

ऋषि को 'जय सियाराम', मंत्री बोले-दामाद के रूप में स्वागत है...

जी-20 समिट में पहुंचे ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति का स्वागत केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जय सियाराम के उद्घोष के साथ किया। साथ ही कहा कि हम आपका स्वागत भारत के दामाद के रूप में भी कर रहे हैं। इसके बाद सुनक ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं।

चीन, रूस और स्पेन के राष्ट्रपति समिट में नहीं पहुंचे

जी-20 की इस बेहद अहम समिट में कुछ अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन शामिल हैं। इसके अलावा स्पेन के सांचेज भी इस समिट में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर दोनों पक्षों में सहमति पर सस्पेंस

पिछले जी-20 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। तब रूस-चीन ने अपने आप को युद्ध के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। यही चुनौती फिलहाल भारत के सामने भी है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग को लेकर अभी तक कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।

जी-20 के घोषणा पत्र में मुख्य मुद्दे

जी-20 के घोषणा पत्र में भारत के मुख्य मुद्दों को शामिल किया जा रहा है। कर्ज में फंसे देशों की मदद के लिए जी-20 देश 5% योगदान देने पर सहमति दे सकते हैं। जी-20 की पिछली बैठक में इन देशों ने इस बारे में 3900 से अधिक प्रतिबद्धताएं की थीं, उनमें से लगभग 67% ही पूरी हो पाईं। आर्थिक अपराधियों को एक दूसरे के सुपुर्द करने पर भी सहमति होती दिख रही है।

जी-20 में देश के नाम की पट्‌टी पर भारत, पहली बार INDIA नाम नहीं

G-20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में जब उद्घाटन भाषण दिया, तो जो तस्वीर सामने आई उसने सबका ध्यान खींचा। पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया नहीं, भारत लिखा था। ये पहला मौका है जब किसी इंटरनेशनल इवेंट में प्रधानमंत्री की सीट के सामने देश का नाम इंडिया नहीं लिखा गया है। पिछली जी-20 बैठक इंडोनेशिया के बाली में 14 से 16 नवंबर को हुई थी। तब पीएम मोदी के आगे देश का नाम इंडिया ही लिखा था। इस मौके पर स्मृति ईरानी ने पीएम की तस्वीर शेयर करके कहा कि उम्मीद और विश्वास का नाम भारत।

G-20 Summit दिल्ली में जी-20 समिट Modi welcomed the heads of states said Jai Siyaram to Sunak G-20 summit in Delhi जी-20 समिट मोदी ने किया राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत सुनक से कहा जय सियाराम