मणिपुर को सीएम ने 'अशांत क्षेत्र' किया घोषित, प्रदेश में बढ़ती जा रही हिंसाएं, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

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The Sootr
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मणिपुर को सीएम ने 'अशांत क्षेत्र' किया घोषित, प्रदेश में बढ़ती जा रही हिंसाएं, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

IMPHAL. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा बढ़ती ही जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने थौबल जिले में बीजेपी दफ्तर में आग लगा दी। इस दौरान कार्यालय में रखा सामान जलकर खाक हो चुका है। हालांकि, इस दौरान किसी और प्रकार की आहत नहीं हुई है। पुलिस ने जांच शुरू करदी है। बता दें कि पहाड़ी इलाकों में AFSPA छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है। सीएम एन बीरेन सिंह ने मणिपुर को 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया है। साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर 'वन डिस्ट्रिक्ट वन फोर्स' का फॉर्मूला लागू किया जाएगा।

मैतेई समुदाय के 2 छात्रों की हत्या पर विवाद

बता दें कि छह जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या कर दी गई। दो मैतेई छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। घटना में 45 लोग घायल हो गए जिनमें ज्यादातर छात्र हैं।

AFSPA की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाई

बता दें कि इन दंगों को देखते हुए मणिपुर सरकार ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में 19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर AFSPA की अवधि एक अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दी है। इसमें इम्फाल, लाम्फेल, शहर, सिंगजामेई, सेकमई, लामसांग, पास्टल, वांगोई, पोरोम्पट, हीनगांग, लामलाई, इरिबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिन और जिरबम शामिल हैं।

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