New Delhi. एयरफोर्स (Airforce) ने अग्निवीरों की भर्ती (Agniveer Recruitment) की गाइडलाइन (Guideline) जारी कर दी है। तीनों सेनाओं में सबसे पहले एयरफोर्स ने ही गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अग्निवीरों को अपनी 4 साल की नौकरी पूरी करनी होगी। इससे पहले वे फोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें अफसर की परमीशन लेनी होगी।
सम्मान और छुट्टी दोनों मिलेंगे
अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सबसे बड़ा पेंच छुट्टी और अवॉर्ड का था। एयरफोर्स ने साफ किया कि अग्निवीर सभी सैन्य सम्मान (Military Honour) और पुरस्कार (Award) के हकदार होंगे। इन्हें साल में 30 दिन की छुट्टी भी दी जाएगी। इसके अलावा बीमार होने पर डॉक्टर की सलाह पर सिक लीव भी मिलेगी।
एयरफोर्स में अग्निवीरों के लिए ये नियम
- अग्निवीरों में 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को फिटनेस और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भर्ती किया जाएगा। कैंडिडेट का नामांकन कराना होगा।
युवाओं का गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रही सरकार
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ युवाओं के गुस्से को ठंडा करने के लिए गृह और रक्षा मंत्रालय ने आरक्षण देने का ऐलान किया है। शनिवार सुबह गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए CAPFs (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इन्हें आयु सीमा में भी 3 से 5 साल की राहत देने का ऐलान किया।
इसके बाद शाम को रक्षा मंत्रालय ने भी अग्निवीरों को अपने मंत्रालय में होने वाली भर्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। रक्षा मंत्रालय के इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा।
सेनी ने भी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सेना ने कहा कि अगले 4-5 साल में हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90,000- 1 लाख तक किया जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है।
अनिल पुरी ने कहा- 'अग्निवीरों' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं, वहीं पर अग्निवीर खाएंगे। जहां पर सेना के जवान रहते हैं, वहीं पर अग्निवीर ही रहेंगे.
सेना ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना को युवा लोगों की जरूरत है। आज सेना की औसत उम्र 32 साल है, इसे हम कम करके 26 साल पर करने की कोशिश करने की कोशिश कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं, ये हम सभी को पता है। अनिल पुरी डीएमए (Dept of Military Affairs) )में एडिशनल सेक्रेटरी हैं। उन्होंने कहा कि 1989 में इस योजना पर विचार शुरू हो गया था। इसे लागू करने से पहले कई देशों में सेना में नियुक्तियों और वहां के एग्जिट प्लान का अध्ययन किया गया।