Delhi. जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के कारण आंशिक रूप से रोकी गई अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई है। जम्मू बेस कैंप से पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए नए जत्था रवाना हो गया है। हादसे पर आस्था भारी पड़ रही है। अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को आए सैलाब में लापता लोगों की तलाश जारी है। जम्मू प्रशासन के मुताबिक इस बार श्रद्धालुओं को पंचतरणी रूट से अमरनाथ ले जाया जा रहा है। इसी रूट से श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। यात्रा में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान श्रद्धालुओं को सुरक्षित आगे बढने में मदद करेंगे। CRPF के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि पहलगाम और बालटाल में बने बेस कैम्प से आगे किसी यात्री को जाने की इजाजत नहीं है। पहलगाम रूट पर नुनवान आधार शिविर से अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को रवाना किया गया। बालताल और नुनवान दोनों ही तरफ से हेलिकॉप्टर की सेवा उपलब्ध रहेगी।
यात्रियों में भारी उत्साह
शुक्रवार को पवित्र गुफा के पास आए सैलाब के बावजूद अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है। लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। इससे पहले हादसे वाली रात को ही जम्मू बेस कैंप से तीर्थयात्रियों का एक जत्था कश्मीर के बालटाल और पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ था। जम्मू से तीर्थ यात्रियों के 279 व्हीकल कॉन्वॉय में रवाना किए गए थे। हालांकि, स्थानीय लोगों ने इसे प्रशासन का मिस मैनेजमेंट बताया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी
अमरनाथ में बादल फटने से अबतक 16 लोगों की मौत हो गई है। सेना ने शनिवार सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। 35 घायलों को एयरलिफ्ट किया गया है। 45 लोग अभी लापता हैं और माउंटेन रेस्क्यू टीम उनकी तलाश में जुटी है। सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात चला। इस दौरान कोई बॉडी रिकवर नहीं की गई।
पवित्र गुफा के दायरे में फटा बादल
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट बादल फटा था। जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे। इस घटना में मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं। बादल फटने के कारण पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।
दो मार्गों से शुरू हुई थी अमरनाथ यात्रा
बता दें कि 30 जून से दो मार्गों से 43 दिवसीय वार्षिक अमरनथ तीर्थयात्रा शुरू हुई थी। पहला रास्ता दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में नुनवान से होकर जाता है जो कि 48 किलोमीटर लंबा है। वहीं दूसरा रास्ता मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल से है जो कि 14 किलोमीटर छोटा है। 11 अगस्त को अमरनाथ यात्रा खत्म हो जाएगी। यह यात्रा 11 अगस्त रक्षाबंधन के मौके पर समाप्त होगी।