अमित शाह ने किया डोर-टू-डोर कैंपेन: जय श्रीराम, योगी-मोदी जिंदाबाद के लगे नारे

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अमित शाह ने किया डोर-टू-डोर कैंपेन: जय श्रीराम, योगी-मोदी जिंदाबाद के लगे नारे

कैराना. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के मद्देनजर 22 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्य कैराना (Kairana) में डोर-टू-डोर संपर्क अभियान किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से बीजेपी को वोट करने की अपील की। शाह डोर-टू-डोर कैंपेन (Door-to-Door Campaign) में लोगों के घर गए और पर्चे भी बांटे। खराब मौसम की वजह से शाह का घर-घर संपर्क अभियान करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुआ। शाह के कैराना पहुंचने पर बीजेपी के नेताओं ने उनका संक्षिप्त स्वागत भी किया। वहीं डोर-टू-डोर संपर्क के बाद शाह, कैराना के मोहल्ला गुंबद में मौजूद 70 साल पुरानी साधू स्वीट्स के मालिक राकेश गर्ग और अन्य व्यापारियों से मुलाकात की। राकेश गर्ग साल 2014 में बदमाशों द्वारा रंगदारी मांगने के बाद दहशत में पलायन कर अंबाला चले गए थे। 



योगी ने कानून व्यवस्था को सुधारा : इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा 'बीजेपी की सरकार में लोगों के बीच एक उत्साह दिखता है। कोरोना के समय में मुफ्त टीका, मुफ्त राशन, लोगों को घर... जो भी मोदी जी ने भेजा... उसे योगी जी ने यहां लागू किया।' गृहमंत्री ने कहा 'कोई भी प्रदेश हो वहां विकास की पहली शर्त कानून व्यवस्था होती है। यही कैराना है जहां लोग पहले पलायन करते थे। आज मेरे कैंपेन के दौरान लोगों ने कहा कि योगी जी ने कानून व्यवस्था को सुधारा।'



शाह ने लोगों से ये भी कहा : उन्होंने कहा 'यूपी की जनता में जो आत्मविश्वास है, उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में यूपी भारत का सबसे विकसित राज्य बनने जा रहा है।' उन्होंने कहा 'मैं जनवरी 2014 के बाद पहली बार कैराना आया हूं। 2014 के बाद पीएम मोदी ने यूपी के विकास की धुरी अपने हाथों में ली। साल 2017 में, यहां बीजेपी सरकार बनने के बाद, योगी आदित्यनाथ सीएम बने और विकास को और गति दी।' बता दें शाह आज पश्चिम यूपी में ही रहेंगे। कैराना के बाद वह शामली जाएंगे जहां बागपत और शामली जिले के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। इसके बाद शाह मेरठ में एक छोटी जन बैठक संबोधित करेंगे।



क्यों अहम है कैराना : बता दें कैराना में पलायन एक बड़ा मुद्दा है। साल 2017 के पहले बीजेपी नेता हुकुम सिंह ने इस मुद्दे को उठाया था। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर अक्सर सपा को घेरती रही है। दावा किया जाता है कि गुंडों और बदमाशों की वजह से कई लोग यहां से पलायन कर गए थे लेकिन बीजेपी की सरकार आने पर लोग यहां लौट कर आए।



योगी भी आए थे कैराना : इससे पहले CM योगी आदित्यनाथ भी कैराना आए थे। उन्होंने भी पलायन करने वाले कैराना लौटे व्यापारियों से मुलाकात की थी। चुनाव से ठीक पहले गृह मंत्री अमित शाह के कैराना पहुंचने के बाद माना जा रहा है बीजेपी साल 2017 की तरह साल 2022 में भी कैराना पलायन मुद्दे को बरकरार रखना चाहती है। 


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