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NEW DELHI. भारत में 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमले की बरसी से एक दिन पहले पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा किया गया है। इस हमले का मास्टरमाइंड आतंकी मौलाना मसूद अजहर अभी पाकिस्तान में छिपा हुआ है, लेकिन वह अपने भाई अब्दुल असगर रऊफ के जरिए भारत में हमास के लिए युवाओं की भर्ती कर रहा है। फिर इन युवाओं को पाकिस्तान भेजकर पीओके में लड़ने की ट्रेनिंग दी गई और फिर उन्हें हमास की तरफ से इजरायल के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए फिलीस्तीन भेजा जा रहा। आतंकी रऊफ लगातार सैटेलाइट फोन के जरिए बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के कुछ लोगों से बात कर रहा है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। मामले में देशभर में गोपनीय जांच शुरू हो गई है। एक-दो दिन में बड़ी कार्रवाई करने की संभावना जताई जा रही है।
एजेंसियों ने निगरानी बढ़ाई तो हुआ खुलासा
खुफिया एजेंसियों को पता चला कि आतंकी रऊफ ने हमास का लड़ाका बनाने के लिए ऐसे युवाओं को चुना है, जो गरीब हैं और वैचारिक रूप से कट्टरपंथी हैं। दरअसल, खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर 26/11 हमले की बरसी से पहले एक बड़ी साजिश को अंजाम देने में लगा हुआ है। एजेंसियों ने निगरानी बढ़ाई तो पता चला कि रऊफ लगातार सैटेलाइट फोन के जरिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, कश्मीर, मध्य प्रदेश और बांग्लादेश के कुछ लोगों से बात कर रहा था।
26/11 पर हमला करने की साजिश
जिन युवाओं से बात की जा रही थी, उन्हें पहले भी सोशल मीडिया और कई अन्य माध्यमों से कट्टरपंथी बनाया गया था। खुफिया एजेंसियों ने शक जताया है कि हमास का प्लान डिकोड होने के बाद मसूद अजहर से प्रभावित लड़ाके 26/11 की बरसी पर भारत में आतंकी हमला कर सकते हैं।
आतंकी कर रहे इस्लामिक हलफनामे पर हस्ताक्षर
खुफिया एजेंसियों की जांच में कई जानकारी सामने आई है। इसमें कुछ इस्लामिक हलफनामे मिले हैं। इन्हें बैथ कहा जाता है। इसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS ने किया है। पहली बार जैश-ए-मोहम्मद भी इसका इस्तेमाल कर रहा है। रऊफ युवा लड़ाकों से इस समझौते पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं और उनसे हमास के समर्थन में लड़ने का वादा कर रहे हैं।
झारखंड में गिरफ्तार 2 आतंकी जुड़े थे रऊफ से
खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि रऊफ झारखंड में जिन 5 लोगों से बात कर रहा था, उनमें से 2 आरिज और नसीम को पुलिस ने 9 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों आतंकी तालिबान के प्रवक्ता हैं। बशीर भी संपर्क में था। डॉ. बशीर ने ही उसे मौलाना मसूद अजहर के भाई रऊफ का नंबर दिया था, जो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में है।
अफगानिस्तान, तुर्की के रास्ते फिलिस्तीन भेजे गए 12 युवा
भारत और बांग्लादेश के 12 युवाओं को पीओके से पाकिस्तान भेजा गया। 10 दिन तक आतंकी ट्रेनिंग दी, फिर अफगानिस्तान, तुर्की के रास्ते फिलिस्तीन भेजा गया। रऊफ ने पहले ही झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के 12 अन्य लोगों को पीओके भेजने की तैयारी कर ली थी, लेकिन आरिज और नसीम की गिरफ्तारी के बाद सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई थी।