क्या आप एक व्यक्ति पर अटक गए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के कार्य काल बढ़ाने पर केंद्र सरकार से पूछा

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
क्या आप एक व्यक्ति पर अटक गए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के कार्य काल बढ़ाने पर केंद्र सरकार से पूछा

NEW DELHI. दिल्ली की आप सरकार और केंद्र सरकार के बीच खाई बढ़ती जा रही है। ताजा मामला दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की कुर्सी को लेकर है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के रूप में एक व्यक्ति पर अटकी हुई है। ऐसा तब हुआ जब केंद्र ने कहा कि वह दिल्ली के मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार (जो 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं) का कार्यकाल बढ़ाने की योजना बना रहा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र सरकार से मुख्य सचिव के कार्यकाल के विस्तार के लिए अपनी शक्ति और आधार दिखाने को भी कहा। सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई 28 नवंबर को हुई।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था सुझाव

पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि दिल्ली एलजी और केंद्र सरकार मुख्य सचिव पद के लिए नामों का पैनल प्रस्तावित कर सकते हैं और दिल्ली सरकार पैनल में से एक नाम चुन सकती है।

केंद्र ने रखी अपनी बात

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, वह मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने की योजना बना रही है। जल्द ही मामले में फैसला हो जाएगा।

दिल्ली सरकार ने किया विरोध

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने इस सुझाव का पुरजोर विरोध करते हुए कहा, मौजूदा मुख्य सचिव और दिल्ली सरकार के बीच विश्वास की बिल्कुल कमी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की सहायता के बिना कार्यकाल के एकतरफा विस्तार को वैध नहीं ठहराया जा सकता है। सिंघवी ने तर्क दिया कि अदालत को मौजूदा कानून के आधार पर सख्ती से नहीं चलना चाहिए, क्योंकि विचाराधीन कानून चुनौती के अधीन है। वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 को चुनौती का जिक्र कर रहे थे, जिसे संविधान पीठ को भेजा गया है।

संघवी ने मुख्य सचिव को "लिंचपिन" कहा

संघवी ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे व्यक्ति को नियुक्त करें। मैं यह कह रहा हूं कि या तो सीनियर को नियुक्त करें या सीएम और एलजी को एक साथ बैठाएं या हमें नामों का एक पैनल दें। मुख्य सचिव को "लिंचपिन" बताते हुए सिंघवी ने कहा कि प्रशासन उनके बिना काम नहीं कर सकता।

क्या देशभर में नरेश कुमार के अलावा कोई आईएएस अफसर नहीं?

संघवी ने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे लिए एकतरफावाद है। मैं कह रहा हूं कि अदालत नियुक्ति कर सकती है, अदालत 5 सीनियर के लिए पैनल ले सकती है! पूरे देश में आपके पास उनके (राकेश कुमार) अलावा कोई आईएएस अधिकारी नहीं है?"

सीजेआई ने कहा- अभी तक अधिनियम पर रोक नहीं लगाई गई

सीजेआई ने कहा, "मिस्टर सिंघवी, हमने अभी तक अधिनियम पर रोक नहीं लगाई है। यदि वे अधिनियम के अनुसार विस्तार कर सकते हैं तो वे बढ़ा सकते हैं... एक कानून है। हमने स्पष्ट रूप से कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।" हालांकि, सिंघवी ने कहा कि नए अधिनियम में मुख्य सचिव के पद से संबंधित कुछ भी विशिष्ट नहीं है। इसके विपरीत, एसजी ने प्रस्तुत किया कि मुख्य सचिव नए अधिनियम के अनुसार केंद्र सरकार के एक्सप्रेस डोमेन में आते हैं।

हम आपको किसी भी निर्देश के लिए बाध्य नहीं कर रहे

सीजेआई ने एसजी से पूछा, "क्या आप सिर्फ एक ही व्यक्ति के साथ फंस गए हैं? वे कह रहे हैं कि जिसे चाहें उसे नियुक्त करें लेकिन उसे नहीं। क्या आप इतने ही फंस गए हैं?" एसजी ने जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए कई प्रशासनिक कारण हैं। इस पर सीजेआई ने कहा, हमें विस्तार करने की शक्ति और विस्तार करने का आधार दिखाएं, हम आपको किसी भी निर्देश के लिए बाध्य नहीं कर रहे हैं। आप कैडर से किसी भी आईएएस अधिकारी को नियुक्त करें। एसजी ने जवाब देते हुए कहा कि वह इस संबंध में निर्देश लेंगे।

Who is the new Chief Secretary of Delhi Kejriwal government in Supreme Court tension between Center and Delhi government दिल्ली का नया मुख्य सचिव कौन सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल सरकार केंद्र और दिल्ली सरकार में तनातनी